जबलपुर: आरक्षण को दरकिनार कर जिला सहकारी बैंक में हुई भर्ती रद्द, 5 अधिकारियों पर गिरी गाज

आरक्षण को दरकिनार कर जिला सहकारी बैंक में हुई भर्ती रद्द, 5 अधिकारियों पर गिरी गाज
  • कलेक्टर ने कराई थी जाँच, 80 पदों पर सहायक प्रबंधक से प्रबंधक के पदों पर होनी थी पदोन्नति
  • समिति द्वारा चयनित 27 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण किया गया
  • विभागीय जाँच संस्थित करने का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किया गया है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर में सहायक समिति प्रबंधक से समिति प्रबंधक के पद पर भर्ती प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की जाँच के बाद यह खुलासा हुआ है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का पालन नहीं किया गया और न ही अन्य नियमों के तहत कार्रवाई की गई।

इसे देखते हुए कलेक्टर ने सबसे पहले तो पूरी भर्ती को ही निरस्त कर दिया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए 5 को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है जबकि दो को शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 मार्च 2024 को जारी नियुक्ति आदेश के तहत 27 अभ्यर्थियों को समिति प्रबंधक के पद पर चयन कर नियुक्ति प्रदान की गई थी। इस मामले में कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई और मामला कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुँचा।

इसके बाद उन्होंने 3 सदस्यों की समिति बनाकर मामले की जाँच कराई। जाँच रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को कलेक्टर ने सबसे पहले भर्ती को निरस्त किया और आगे की कार्रवाई के तहत 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।

समिति द्वारा चयनित 27 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण किया गया। जिसमें कई अनियमितताएँ पाई गईं। साथ ही मध्य प्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 55-1 के तहत जारी किए गए कर्मचारी सेवा नियोजन, निबंधन कार्य स्थिति नियम 1989, 1990, 2002, 2010, 2013, 2015 का पालन नहीं किया गया।

गबन और धोखाधड़ी के आरोपी

बताया जाता है कि भर्ती किए गए समिति प्रबंधकों में से कई ऐसे हैं जिनके खिलाफ गबन और धोखाधड़ी के मामले हैं। इसके अलावा कई आपराधिक मामलों में भी वांछित हैं। कई ऐसे भी हैं जो कभी सहायक समिति प्रबंधक नहीं थे, जबकि चयन उन्हीं में से किया जाना था। यही कारण है यह नियुक्ति भर्ती न होकर पदोन्नति भी कहलाती है।

सहकारिता उपायुक्त पर भी उठी उँगली

इस मामले में अखिलेश निगम, तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जबलपुर, वर्तमान उपायुक्त सहकारिता भोपाल एवं चंद्रशेखर पटले, तत्कालीन सहायक प्रबंधक, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक शाखा राइट टाउन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, जबलपुर द्वारा आवेदकों की पात्रता का परीक्षण किया गया।

लेकिन उक्त अधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं किया गया। अतः श्री अखिलेश निगम के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव कमिश्नर भोपाल संभाग को प्रेषित किया जा रहा है तथा चंद्रशेखर पटले को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।

ये हुए सस्पेंड

कलेक्टर श्री सक्सेना ने जाँच के आधार पर जिन संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही भी की उनमें पदोन्नति की कार्यवाही में विसंगति का परीक्षण लापरवाही पूर्वक करने वाले अधिकारियों में आशीष शुक्ला, सहकारी निरीक्षक, सहकारिता जबलपुर को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई है।

प्रशांत कौरव तत्कालीन वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, सहकारिता जिला जबलपुर वर्तमान वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, जिला सिंगरौली को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करने का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किया गया है।

संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता पीके सिद्धार्थ द्वारा दूषित चयन प्रक्रिया को नियमों के विपरीत जाकर अनुमोदित करने पर उक्त कृत्य के लिए पीके सिद्धार्थ संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता को निलंबित कर विभागीय जाँच का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।

स्थापना प्रभारी सुभाष पचौरी द्वारा समस्त प्रक्रिया को जानबूझ कर नजरअंदाज करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जाँच बैठाई गई है। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जबलपुर वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, नरसिंहपुर देवेन्द्र कुमार राय के कार्यकाल में संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया सम्पादित की गई। अतः देवेन्द्र कुमार राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जाँच का प्रस्ताव प्रेषित किया जा रहा है।

Created On :   16 May 2024 12:43 PM GMT

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