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जबलपुर: यूरिया वितरण में भारी घालमेल, टीम ने पकड़ी चाेरी
- सूखा भरतपुर में किसान को दी गई कम बोरी, रजिस्टर में चढ़ाई अधिक यूरिया
- भौतिक सत्यापन में भी कुछ जगह यूरिया की मात्रा में भारी अंतर देखने मिला।
- समिति द्वारा जारी परमिट पर समिति प्रबंधक एवं प्रशासक के हस्ताक्षर के बिना परमिट जारी किया गया।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। यूरिया और डीएपी के वितरण में लम्बे समय से किसान शिकायत कर रहे थे लेकिन गड़बड़ी पकड़ में नहीं आ रही थी। अब जबकि अधिकारियों ने आकस्मिक निरीक्षण शुरू किया तो धाँधली भी सामने आने लगी है।
ऐसा ही एक मामला सूखा भरतपुर में देखने मिला, जब अधिकारियों ने निरीक्षण किया तो वहाँ किसानों को कम मात्रा में खाद दी गई लेकिन रजिस्टर में अधिक मात्रा चढ़ाई गई। भौतिक सत्यापन में भी कुछ जगह यूरिया की मात्रा में भारी अंतर देखने मिला।
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर उपसंचालक कृषि डॉ. एसके निगम के मार्गदर्शन में अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ. इंदिरा त्रिपाठी, पंकज श्रीवास्तव, रोहित गुप्ता, कृषि विस्तार अधिकारी बीएस ठाकुर द्वारा समिति प्रबंधक राजेश नंदेशरिया आदिम जाति सरकारी समिति मर्यादित सूखा भरतपुर खाद्य प्रभारी नन्हें लाल झरिया, विक्रेता भूपेंद्र सिंह पटेल के समक्ष समिति का निरीक्षण किया गया, जिसमें पीओएस मशीन में यूरिया 61.92 टन, 1362 बोरी एवं डीएपी 36.5 टन, 730 बोरी दिखाई जा रही थी परंतु भौतिक रूप से 18 टन यानी 400 बैग यूरिया एवं 10 टन यानी 200 बैग डीएपी भंडारित पाई गई।
जाँच में किसान गोकुल पिता इमरत ग्राम भरतपुर ने बताया कि 12 बोरी डीएपी दी गई जबकि परमिट क्रमांक 113915, बुक क्रमांक 683 पर 10 बोरी डीएपी और 35 बोरी यूरिया चढ़ाई गई। जाँच में किसानों को काटे गए परमिट में दर्शित मात्रा एवं किसानों की बतायी मात्रा में अंतर पाया गया। कुछ परमिट ऐसे भी पाए गए, जिनमें केवल किसानों के हस्ताक्षर थे। अन्य कोई विवरण नहीं भरा गया था, जिससे अनियमितता होने की संभावना है।
बिना हस्ताक्षर जारी किया गया स्टॉक
प्राथमिक साख समिति बड़खेड़ा का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन में 1.6 टन यूरिया, 11.05 टन एसएसपी प्रदर्शित हो रहा था, परंतु भौतिक रूप से 8 बैग यूरिया और 70 बोरी एसएसपी पाया गया।
समिति द्वारा जारी परमिट पर समिति प्रबंधक एवं प्रशासक के हस्ताक्षर के बिना परमिट जारी किया गया। वहीं बिना परमिट जारी किए गए 25 बैग यूरिया विपिन साहू ग्राम गगई को दिए गए। माँगने पर भी स्टाॅक पंजी प्रस्तुत नहीं की गई, न ही रजिस्टर्ड किसानों की सूची प्रदान की गई।
इस संबंध में समिति प्रबंधक से जानकारी चाही गई जिस पर हर बिंदु पर अनभिज्ञता जाहिर की गई। जाँच संबंधित प्रतिवेदन उप संचालक कृषि को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किए जाएँगे।
Created On :   24 Aug 2024 6:11 PM IST