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जबलपुर: रादुविवि के अतिथि शिक्षकों को आयुसीमा में छूट का लाभ नहीं
- हाई कोर्ट ने निरस्त कर दी याचिका
- विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है।
- महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को 10 साल की छूट प्रदान की गई है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को तुलनात्मक रूप से महाविद्यालय के अतिथि शिक्षकों के समान आयुसीमा में छूट का लाभ नहीं मिल सकता। जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने कहा कि महाविद्यालय की नियुक्ति उनके विज्ञापन में निर्धारित नियमों के अनुसार की गई है।
दरअसल, रादुविवि जबलपुर में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत डाॅ. ज्योति चौबे की ओर से याचिका के जरिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के बीच भेदभाव का आरोप लगाया गया था।
याचिका में कहा गया था कि महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को आयुसीमा में 10 वर्ष की छूट दी गई है, जबकि विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी।
याचिका में कहा गया था कि अतिथि शिक्षकों के लिए आयु सीमा में सरकार के द्वारा 10 साल की छूट प्रदान की गई है। यह छूट सिर्फ शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है।
अनावेदकों की ओर से कहा गया कि अधिकतम आयु सीमा 48 वर्ष निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की आयु 48 वर्ष से अधिक है। सिर्फ महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को 10 साल की छूट प्रदान की गई है। याचिकाकर्ता विश्वविद्यालय में कार्यरत है इसलिए वह आयुसीमा में छूट पाने की अधिकारी नहीं है।
Created On :   30 July 2024 7:36 PM IST