जबलपुर: मेडिकल में पहली बार बिना चीरे के थायरॉयड कैंसर व लिम्फ नोड सर्जरी

मेडिकल में पहली बार बिना चीरे के थायरॉयड कैंसर व लिम्फ नोड सर्जरी
  • युवती की दूरबीन पद्धति से हुई दाग रहित सर्जरी
  • चिकित्सकों का दावा है कि पूरे मध्य भारत का यह प्रथम शासकीय संस्थान है, जहाँ सर्जरी की गई है।
  • निजी अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च 4 से 5 लाख रुपयों तक आता है

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गले में गाँठ बन जाने के बाद नरसिंहपुर निवासी एक 30 वर्षीय युवती जब इलाज के लिए चिकित्सकों के पास पहुँची तो जाँच में थायरॉयड कैंसर होने की बात सामने आई।

चिकित्सकों ने गले में चीरा लगाकर ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन चीरे के बाद निशान आने की समस्या को लेकर युवती चिंतित थी। इसके बाद युवती नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग पहुँची, जहाँ स्तन कैंसर, थायरॉयड और एंडोेक्राइन यूनिट में युवती की सर्जरी की गई। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में पहली बार दाग रहित थायरॉयड कैंसर और लिम्फ नोड सर्जरी की गई है।

चिकित्सकों का दावा है कि पूरे मध्य भारत का यह प्रथम शासकीय संस्थान है, जहाँ सर्जरी की गई है। इसके पहले यह सर्जरी पीजीआई लखनऊ में की गई थी। स्तन कैंसर और थायरॉयड विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार यादव ने बताया कि दाग रहित सर्जरी की प्रक्रिया एंडोस्कोपिक पद्धति से होती है, इसे नेचुरल ऑरिफिस ट्रांसल्यूमिनल एंडोस्कोपिक सर्जरी (नोट्स) कहा जाता है। इस सर्जरी के दौरान कैंसर तथा पास की गठानों (लिम्फ नोड) काे मुँह के रास्ते से निकाल दिया गया।

नोट्स थायरॉयड कैंसर सर्जरी सबसे जटिल दूरबीन सर्जरी में से एक मानी जाती है और अब यह सुविधा भी मेडिकल कॉलेज जबलपुर में उपलब्ध है। निजी अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च 4 से 5 लाख रुपयों तक आता है, जबकि मेडिकल कॉलेज में यह नि:शुल्क हो रही है।

सर्जरी में डॉ. सिलोदिया, डॉ. अरविंद, डॉ. प्रदीप, डॉ. नव्या, डॉ. जया, डॉ. गोपाल मरावी का सहयोग रहा, वहीं डीन प्रो. नवनीत सक्सेना एवं विभागाध्यक्ष डॉ. पवन अग्रवाल का मार्गदर्शन रहा।

Created On :   24 Jun 2024 6:28 PM IST

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