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जबलपुर: जबलपुर के आसपास के शहरों के फ्लायर्स निर्भर हैं डुमना एयरपोर्ट पर
- जबलपुर हो या शहडोल, सतना, कटनी, सिवनी अथवा रीवा इन सभी शहरों के फ्लायर्स चाहते हैं तुरंत शुरू हो मुंबई नियमित उड़ान
- कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई की नियमित सीधी उड़ान
- मात्र साढ़े तीन से चार घंटे में जबलपुर पहुँचकर हवाई सफर हासिल कर सकें
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर से मुंबई के लिए नियमित फ्लाइट न होना, इसके अलावा अन्य शहरों कोलकाता, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु व अन्य शहरों के लिए हवाई सफर न होने का खामियाजा केवल जबलपुर के फ्लायर्स नहीं, बल्कि शहडोल, सतना, कटनी, रीवा, मंडला, अनूपपुर, सिवनी सहित आसपास के जिलों के फ्लायर्स को भी भुगतना पड़ रहा है।
इन जिलों के व्यापारियों, उद्योगपतियों, चिकित्सकों सहित आम आदमी भी मुंबई का हवाई सफर करने या तो जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर निर्भर है या फिर लंंबी दूरी का सड़क मार्ग का सफर तय करके पड़ोसी जिलों के एयरपोर्ट में जाना पड़ रहा है।
जबलपुर के साथ ही इन सभी जिलों के पैसेंजरों का मानना है कि जबलपुर से मुंबई के लिए नियमित फ्लाइट के साथ ही पूर्व में यहाँ से संचालित होने वाली सभी उड़ानों को फिर से चालू किया जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि यहाँ के जनप्रतिनिधि भी आवश्यक दबाव बनाएँ।
मुंबई की नियमित फ्लाइट न होने व अन्य शहरों की उड़ानें बंद होने से जहाँ जबलपुर से महज 214 किमी दूर बसे शहडोल के लोगाें को 6 घंटे का सड़क मार्ग का सफर तय करके रायपुर तक जाना पड़ता है, जबकि डुमना एयरपोर्ट से नियमित फ्लाइट हो तो वे मात्र साढ़े तीन से चार घंटे में जबलपुर पहुँचकर हवाई सफर हासिल कर सकें।
25 से 28 लाख आबादी वाले शहडोल व उमरिया के बाशिंदे माइंस व कोयले के बड़े व्यापारियों में शुमार हैं, जो काफी संपन्न वर्ग की श्रेणी में आते हैं इसके बाद भी इन्हें सीधी फ्लाइट का सफर नसीब नहीं है।
ऐसे ही कुछ हालात पड़ोसी जिले कटनी, नरसिंहपुर व मंडला के लोगों के भी हैं। इन जिलाें के लोगों का भी मानना है कि जबलपुर एयरपोर्ट से मुंबई, पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु की उड़ानें बंद होने का व्यापार, व्यवसाय में व्यापक असर पड़ा है। फ्लाइट से इन शहरों में कम समय में पहुँचा जा सकता था।
अब मुंबई की ही बात करें तो ट्रेन में दो दिन बर्बाद होते हैं। अब यदि मुंबई जाना होता है तो नागपुर या भोपाल से उड़ान लेनी पड़ती है, जिससे समय की बर्बादी होती है। मुंबई के लिए नागपुर या भोपाल से फ्लाइट पकड़ने के लिए दोनों शहरों तक पहुँचने में ही 8 से 10 घंटे की थकान भरी यात्रा होती है।
सतना के हालात तो और भी बुरे हैं यहाँ के लोग तो 2 सौ किमी दूर प्रयागराज के अलावा लखनऊ और बनारस एयरपोर्ट जा रहे हैं। वहीं रीवा के लोगाें की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है कि उन्हें मजबूरी में ट्रेन का सफर करना पड़ रहा है। कभी इलाज की इमरजेंसी हो जाए तो बड़ी दिक्कत हो जाती है।
Created On :   3 May 2024 3:11 PM IST