- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- सही अपराधी का नहीं पकड़ा जाना न्याय...
जबलपुर: सही अपराधी का नहीं पकड़ा जाना न्याय की हानि
- अदालत ने मासूम से दुष्कर्म व हत्या के मामले में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया
- केवल प्रकरण का निराकरण करना पुलिस का कर्त्तव्य नहीं
- अपराध करने वाला व्यक्ति खुलेआम समाज में घूमता रहता है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। विशेष न्यायाधीश नीलम संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने मासूम से दुष्कर्म व हत्या के मामले में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि महज दो वर्ष की मासूम को उसके माता-पिता के बीच से उठाकर ले जाना और दुष्कर्म के बाद हत्या जैसे संगीन मामले में सही अपराधी का नहीं पकड़ा जाना न्याय की हानि है। जाँच अधिकारी द्वारा उचित विवेचना नहीं करने के कारण अदालत विवश है कि वह छोटी बच्ची के साथ किए गए अपराध के वास्तविक दोषियों को दंडित नहीं कर सका और न ही उस छोटी बच्ची को न्याय दिला सका।
विशेष अदालत ने अपने आदेश में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया कि केवल प्रकरण का निराकरण करना पुलिस का कर्त्तव्य नहीं है। यदि पुलिस सही अपराधी तक नहीं पहुँचती है तब न्याय की हानि होती है और न्याय प्रक्रिया पर जन सामान्य का अविश्वास होता है, साथ ही ऐसा वीभत्स अपराध करने वाला व्यक्ति खुलेआम समाज में घूमता रहता है।
विशेष अदालत ने अपने फैसले में साफ किया कि इस मामले में शहपुरा पुलिस ने शुभम उर्फ बच्चू मल्लाह व सोनू ठाकुर गौंड को आरोपी बनाया था, किंतु अभियोजन यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि 16 सितंबर, 2020 से 17 सितंबर, 2020 के मध्य यह जघन्य श्रेणी का अपराध इन्हीं युवकों ने किया था।
लिहाजा,उन्हें संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया जाता है। कोर्ट ने बच्ची के माता-पिता को मानसिक व शारीरिक आघात की प्रतिपूर्ति के लिए दो लाख रुपये प्रतिकर राशि दिए जाने का आदेश भी दिया।
Created On :   3 Jan 2024 2:55 PM IST