विस्फोट मामला: ठेले से शुरू किया था कबाड़ का कारोबार

विस्फोट मामला: ठेले से शुरू किया था कबाड़ का कारोबार
फरार शमीम की हिस्ट्री खंगाल रही पुलिस

डिजिटल डेस्क जबलपुर। अधारताल थाना क्षेत्र स्थित खजरी-खिरिया बायपास के पास स्थित एक कबाडख़ाने में विगत 25 अप्रैल को विस्फोट हुआ था, जिसमें दो लोगों की जान चली गयी थी और आसपास का पूरा क्षेत्र दहल गया था। हादसे के बाद से फरार हुए शमीम कबाड़ी का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस उसकी हिस्ट्री खंगाल रही है। जानकारों का कहना है कि उसने कई साल पहले ठेले से कबाड़ का कारोबार शुरू किया था। इसके बाद उसने चोरी, जालसाजी से कबाड़ कारोबार में साम्राज्य स्थापित कर लिया।

जानकारों के अनुसार शमीम ने पहले छोटा कबाडख़ाना खोला, वहाँ से उसने रेलवे का लोहा और विद्युत लाइनों को काटने वाले लोगों की मदद से चोरी के इस कारोबार को फैलाया उसके बाद उसने टोल प्लाजा का ठेका लिया और स्टाम्प ड्यूटी में जालसाजी की, जिस पर उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद वर्ष 2017 में उसने खजरी-खिरिया में करीब दस हजार वर्गफीट जमीन पर कबाडख़ाना खोला, जो कि सरकारी अफसरों की साँठगाँठ से फलता-फूलता गया। पुलिस उसके पूरे कारनामों की सूची तैयार कर रही है।

रज्जाक पर किया था हमला

जानकारों के अनुसार शमीम कबाड़ी के पहले जेल में बंद अब्दुल रज्जाक से अच्छे संबंध थे। किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होने के बाद वर्ष 2000 में कचहरी दरगाह के पास फायरिंग की गयी थी। इस मामले में ओमती थाने में हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस घटना में शामिल आरोपियों में शमीम का नाम भी शामिल था।

कारोबार में शामिल हुआ बेटा

जानकारों के अनुसार शमीम कबाड़ी का बेटा पायलट बनना चाहता था और उसने ऑस्ट्रेलिया से पायलट की ट्रेनिंग ली और वहीं पर नौकरी के लिए प्रयास किए लेकिन नौकरी नहीं लगने पर करीब 8 साल पहले वह भारत लौटा और पिता के साथ कबाड़ के कारोबार में जुड़ गया। उसने कई कबाडिय़ों का ग्रुप तैयार कर लिया था जिनके सहारे शासकीय संस्थानों से स्क्रैप की खरीदी करता था।

कबाड़ समझकर छोड़े बमों के खोखे

जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में वर्ष 2021 में अधारताल पुलिस ने छापामारी की थी। छापे के दौरान कबाड़ में काटे जा रहे कई वाहन बरामद किए गये थे। उस दौरान कबाडख़ाने के स्क्रैप में खरीदे गये बमों के खोखे भी मिले थे जिसे कबाड़ समझकर वहीं छोड़ दिया गया था। उस दौरान कबाड़ में पड़े स्क्रैप में लिए गये बम के खोखों की जाँच होती तो शायद इस हादसे को रोका जा सकता था।

Created On :   5 May 2024 11:53 PM IST

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