- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- सर्वेयर भर्ती में हो रहा भेदभाव,...
जनसुनवाई: सर्वेयर भर्ती में हो रहा भेदभाव, महिलाओं को मौका नहीं
- कलेक्ट्रेट में पहुँचे 120 से ज्यादा आवेदन
- अधिकारियों को निराकरण के निर्देश
- नियम विरुद्ध तरीके से पुरुषों को भर्ती किया जा रहा है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुँचीं दो युवतियों ने राजस्व विभाग पर यह आराेप लगाया कि राज्य शासन ने सर्वेयर भर्ती में महिलाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं लेकिन इसके बाद भी पनागर तहसील में ऐसा नहीं हो रहा है।
वहाँ नियम विरुद्ध तरीके से पुरुषों को भर्ती किया जा रहा है जिससे महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। कलेक्टर ने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई के निर्देेश दिए हैं।
पनागर निवासी संध्या और शिवानी पटेल ने जनसुनवाई में शिकायत दी कि पनागर के नायब तहसीलदार प्रदीप बसोड़ नियमों के विपरीत जाकर कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश डिजिटल क्रॉप सर्वेयर चयन प्रक्रिया में साफ उल्लेख है कि महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन पनागर में ऐसा नहीं हो रहा है, जबकि मझौली, पाटन और सिहोरा तहसील में महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
रजिस्ट्री के बाद भी खसरे में नाम नहीं
दरहाई सराफा निवासी मायादेवी राठौर पति संतोष राठौर ने शिकायत दी कि उन्होंने लोक कल्याण गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्ष से माढ़ोताल पटवारी हल्का 25 में खसरा नम्बर 149 -3 का भाग सोसायटी लेआउट भूखंड क्रमांक 11 का क्षेत्रफल 1500 वर्गफीट क्रय किया था।
इसकी रजिस्ट्री भी कराई गई थी और डायवर्सन एवं खसरा के लिए 10 हजार रुपए अलग से दिए थे लेकिन अभी तक नामांतरण नहीं कराया गया है। तहसील से कहा जा रहा है कि राजस्व अभिलेखों में विक्रेता के पास भूमि शेष नहीं है। इस मामले का उचित हल निकाला जाए।
देखो सरकारी जमीन पर कब्जा है या नहीं
जनसुनवाई में कलेक्टर ने एसडीएम अधारताल को निर्देशित किया कि वे बसहा गाँव जाकर यह देखें कि वहाँ सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है या नहीं। उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करें।
120 आवेदन पहुँचे
साप्ताहिक जनसुनवाई में समस्याओं से संबंधित 120 आवेदन प्राप्त हुये। ज्यादातर आवेदन गरीबी रेखा की सूची में नाम जुड़वाने, राशन कार्ड बनवाने, आयुष्मान कार्ड बनवाने, शासकीय योजनाओं का लाभ दिलवाने, जमीन का पट्टा दिलाने, आवास एवं पेंशन योजनाओं का लाभ दिलाने, निजी भूमि से कब्जा हटवाने, सीमांकन तथा चिकित्सा सहायता आदि से सबंधित थे।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गंभीर व विवादित प्रकरणों की सुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया। कुछ अन्य मामलों में भी समाधान का रास्ता निकाला गया।
Created On :   31 July 2024 7:24 PM IST