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गहराया जलसंकट : परियट का जलस्तर घटने से उपजी गंभीर समस्या, बरगी नहर से भी नहीं मिल रहा पानी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
कई वर्षों बाद ऐसा मौका आया है कि शहर में जलसंकट गहरा गया है। परियट जलाशय का जलस्तर न्यूनतम स्तर पर पहुँचने के कारण शुक्रवार से रांझी, मानेगाँव, मोहनिया, कांचघर, गोकलपुर और कंचनपुर क्षेत्र में एक टाइम पानी की कटौती शुरू हो गई है। इसके कारण लोग पानी के लिए परेशान रहे। कहा जा रहा है कि ये हालात तब तक बने रहेंगे, जब तक की मानसून नहीं आ जाता है।
इस कारण से बिगड़े हालात
जानकारों के अनुसार गुरुवार को परियट जलाशय में 8 फीट पानी था, जो शुक्रवार को घटकर 6 फीट रह गया है। जानकारों का कहना है कि परियट में 2 फीट ही पीने योग्य पानी बचा है। शेष 3 से 4 फीट सिल्ट है। वहीं दूसरी तरफ बरगी नहर में भी पानी छोड़ना बंद कर दिया गया है। इससे अभूतपूर्व जलसंकट खड़ा हो गया है। इसको देखते हुए नगर निगम ने रांझी क्षेत्र में एक टाइम पानी की कटौती शुरू कर दी है। यदि जल्द ही मानसून की बारिश नहीं हुई तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि राँझी क्षेत्र में एक वक्त पानी की सप्लाई के हालात निर्मित हुए हैं। कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि परियट का जलस्तर घटने और नहर से पानी मिलना बंद होने के कारण रांझी क्षेत्र में फिलहाल एक टाइम पानी की सप्लाई की जाएगी।
खंदारी के पानी से आ रही दुर्गंध, सप्लाई बंद
शहर के खंदारी जलाशय का पानी पीने योग्य नहीं बचा है। हालत यह है कि इस प्राकृतिक जलाशय का पानी बदबू मार रहा है। इसके कारण यहाँ से पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है। गर्मी में हर वर्ष खंदारी जलाशय न्यूनतम स्तर पर पहुँच जाता था, लेकिन इस वर्ष अभी भी खंदारी जलाशय में 23 फीट पानी बचा हुआ है। हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम के अधिकारियों ने अभी तक यह भी पता करने का प्रयास नहीं किया है कि आखिर प्राकृतिक जलाशय का पानी बदबू क्यों मार रहा है। उल्लेखनीय है कि खंदारी जलाशय से बिलहरी, तिलहरी, गोराबाजार और सिविल लाइन्स क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जाती है। खंदारी का पानी काफी स्वच्छ रहता है। पिछले चार महीने से फिल्टर होने के बाद भी खंदारी जलाशय के पानी से बदबू आना शुरू हो गई। इसके बाद नगर निगम ने खंदारी जलाशय से पानी की सप्लाई बंद कर दी। वर्तमान में गौर नदी का पानी सप्लाई किया जा रहा है। इसके कारण खंदारी का वर्तमान जलस्तर 1444 फीट है, जबकि न्यूनतम जलस्तर 1421 फीट है।
खंदारी में मिल रहा गंदे नालों का पानी: नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि खंदारी जलाशय में आसपास के क्षेत्रों के गंदे नाले आकर मिल रहे हैं। इसके कारण जलाशय का पानी बदबू मारने लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक नगर निगम के अधिकारियों ने यह भी पता नहीं लगाया है कि कौन-कौन से गंदे नाले खंदारी में मिल रहे हैं। गंदे नालों को खंदारी में मिलने से रोकने का भी प्रयास नहीं किया गया। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यदि जल्द ही खंदारी से गंदे नालों को मिलने से नहीं रोका गया तो आंदोलन किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा है कि भाजपा के कार्यकाल में शहर की जल वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए 16 पानी की टंकियाँ बनाई गई थीं। इसके कारण आज लोगों के घरों में पानी पहुँच पा रहा है। महापौर द्वारा भाजपा के कामों का श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है।
परियट और ललपुर के बीच फँसा कुलीहिल टैंक
कांचघर स्थित कुलीहिल टैंक परियट और ललपुर के बीच फँसकर रह गया है। इन दोनों जगह से आने वाले पानी से कुलीहिल टैंक भरा करता था। अब हालत यह है कि परियट के पानी से पहले रांझी क्षेत्र की टंकियाँ भरी जा रही हैं, इससे कुलीहिल टैंक तक पानी नहीं पहुँच पा रहा है, वहीं दूसरी तरफ ललपुर से आने वाला पानी भी कुलीहिल टैंक तक नहीं पहुँच पा रहा है। इससे क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पूर्व पार्षद संजय साहू ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव बनाकर कुलीहिल टैंक के पानी को रांझी क्षेत्र में ही रोका जा रहा है। उन्होंने कहा है कि शहर के सभी क्षेत्रों में पानी का समान वितरण किया जाना चाहिए। यदि पानी की कमी है तो सभी क्षेत्रों के पानी में थोड़ी-थोड़ी कटौती होनी चाहिए, पूरी तरह किसी भी क्षेत्र का पानी नहीं रोकना चाहिए।
Created On :   24 Jun 2023 10:08 AM GMT