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जबलपुर: हाई कोर्ट की बेहतरी के लिए जो किया उससे पूरी तरह संतुष्ट
- विदाई समारोह में बोले सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ
- मप्र हाई कोर्ट व प्रदेश की अधीनस्थ अदालतें मुकदमों के निराकरण में देश भर में अग्रणी हैं।
- चीफ जस्टिस की सेवानिवृत्ति के बाद अब मप्र हाईकोर्ट में न्यायाधीश के 16 पद रिक्त हो गए हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। ढाई वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा करने के बाद मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए।
कोर्ट रूम क्रमांक एक में आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि विगत ढाई वर्ष से लेकर अब तक हाई कोर्ट की बेहतरी के लिए जो उचित लगा, वह किया। उन्होंने कहा कि वे अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि 2008 से हाई कोर्ट से संबंधित कई कार्य लंबित थे।
मैंने पदभार संभालने के साथ ही एक-एक कर उन लंबित कार्याें को पूरा करने की दिशा में भरसक प्रयास किया। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए। उन्होंने भरोसा जताया कि विजन-2047 के अंतर्गत मेरे कार्यकाल में जो महत्वाकांक्षी न्यायिक-सुधार विषयक कदम उठाए गए, उनका प्रतिफल जीरो पेंडेंसी का स्वप्न साकार होने के रूप में भविष्य में देखने को मिलेगा।
जस्टिस मलिमठ ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि मप्र हाई कोर्ट व प्रदेश की अधीनस्थ अदालतें मुकदमों के निराकरण में देश भर में अग्रणी हैं। इस दौरान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन ने विचार व्यक्त किए।
स्टेट व इंदौर बार ने बनाई दूरी
राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, केंद्र की ओर से डिप्टी साॅलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर के नव निर्वाचित अध्यक्ष धन्य कुमार जैन, ग्वालियर बार अध्यक्ष, उप महाधिवक्ता अमित सेठ, अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह, अधिवक्ता आदित्य संघी, हाई कोर्ट बार के मुख्य चुनाव अधिकारी दिनेश उपाध्याय, अधिवक्ता आशीष श्रोती ने सेवानिवृत्त सीजे मलिमठ के व्यक्तित्व-कृतित्व को रेखांकित किया।
हालांकि स्टेट बार व इंदौर हाई कोर्ट बार की ओर से कोई प्रतिनिधि विदाई समारोह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ।
17,700 मामलों का पटाक्षेप
चीफ जस्टिस मलिमठ ने 14 अक्टूबर 2021 को मप्र हाईकोर्ट के 27वें चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था। यहाँ पदस्थ रहते हुए उन्होंने 538 कार्य दिवसों में 17 हजार 7 सौ से अधिक मामलों का पटाक्षेप किया।
मूल रूप से जस्टिस मलिमठ 18 फरवरी 2008 को कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने थे। पूरे कार्यकाल में उन्होंने 65 हजार से अधिक प्रकरणों में फैसले दिए, जो कि एक रिकॉर्ड है।
16 पद हुए रिक्त
चीफ जस्टिस की सेवानिवृत्ति के बाद अब मप्र हाईकोर्ट में न्यायाधीश के 16 पद रिक्त हो गए हैं। कुल स्वीकृत 53 पदों में से अब हाईकोर्ट में 37 जज पदस्थ हैं। शनिवार को जस्टिस शील नागू कार्यकारी चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे।
Created On :   25 May 2024 6:33 PM IST