जबलपुर: 'कम्फर्ट' ही हमारे लिए बड़ी चुनौती - प्रहलाद

कम्फर्ट ही हमारे लिए बड़ी चुनौती - प्रहलाद
  • देश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत की
  • मुझे पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में खड़ा होना होगा, काम करना होगा।
  • हमारी परंपरा रही है कि अपने दुश्मन की तरफ से आए निमंत्रण को भी स्वीकारते हैं।

कपिल श्रीवास्तव, जबलपुर। परिस्थतियों कितनी भी अनुकूल क्यों न हों, पार्टी के प्रत्येक कार्यकतर के लिए जरूरी है कि, उसे जो जिम्मेदारियों व दायित्व सौंपे गए हैं, वह उनके प्रति पूरे समय मुस्तैद व सचेत रहे। क्योंकि 'कम्फर्ट जोन' ही इस चुनाव में हमारे लिए बड़ी चुनौती है। यह बात कद्दावर भाजपा नेता तथा प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कही। आइए जानें मंत्री प्रहलाद पटेल ने किस मुद्दे पर क्या कहा

प्रत्याशी चयन

होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी हो या फिर शहडोल, रीवा, दमोह या अन्य किसी भी सीट का वह पार्टी का प्रत्याशी है। उसे और पार्टी को जिताने जिसे जो जिम्मेदारी दी गई है, वह पूरी मुस्तैदी से निभानी चाहिए। मैं रीवा तथा शहडोल संसदीय सीट का प्रभारी हूं।

नरसिंहपुर का विधायक हूं। दमोह का पूर्व सांसद हूं। गोटेगांव मेरे जिले में है, इसलिए मंडला सीट से जुड़े दायित्वों से भी मुक्त नहीं हो सकता। क्लस्टर हेड के नाते बालाघाट और छिंदवाड़ा से मैं पहले भी चुनाव लड़ चुका हूं, इसलिए वहां से जुड़े दायित्वों से मैं मुक्त नहीं हो सकता। जहां जब जैसी जरूरत होगी, मुझे पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में खड़ा होना होगा, काम करना होगा।

कांग्रेसियों का भाजपा में प्रवेश

ये वे लोग हैं जो कांग्रेस में रह कर जय श्री राम का नारा नहीं लगा पा रहे थे। इनका मन अंदर से इन्हें कचोट रहा था। यह मैंने पहली बार देखा कि राम मंदिर जैसे श्रेष्ठ आयोजन के निमंत्रण को किसी ने ठुकराया। आप जाते या न जाते, स्वीकार तो करते।

हमारी परंपरा रही है कि अपने दुश्मन की तरफ से आए निमंत्रण को भी स्वीकारते हैं। जाना है या नहीं, यह बाद में तय करते हैं। लेकिन ऐसा विरोध मैंने पहली बार देखा और यही विरोध कांग्रेसियों के भाजपा में आने का बड़ा कारण है।

दल-बदल से नुकसान

यह कोई मुहिम नहीं है। कांग्रेसियों का भाजपा में आने का स्वैच्छा से लिया गया निर्णय है। हमारे यहां कोई भी आए हम खुले दिल से स्वागत करेंगे। उसके मान-सम्मान का ख्याल रखेंगे। रही इससे विपक्ष के कमजोर पड़ने की बात तो, हम सदा इस पक्ष में रहे हैं कि विपक्ष सशक्त हो। सशक्त विपक्ष का अटल जी से बड़ा कोई उदाहरण नहीं है।

भावी परिणामों पर

मैं ज्योतिष या भविष्य वक्ता नहीं। पिछले 3 चुनाव के आंकड़े देखिए। पार्टी ने जो संकल्प लिया वह पूरा किया। प्रदेश में 2014 के चुनाव में 27, 19 में 28 और अब 24 में पूरी 29 सीटों का पार्टी का संकल्प पूरा होगा।

इसी तरह से पार्टी के हर कार्यकतर ने इस बार 400 के पार का संकल्प लिया है। सब देखेंगे, जीत का यह आंकड़ा भी हम पार करेंगे। क्योंकि भाजपा दावा नहीं करती है बलि्क हर बात का संकल्प लेती है और लिए गए संकल्प को पूरा भी करती है।

दिगि्वजय सिंह के चुनाव लड़ने पर

दिगि्वजय सिंह के प्रति बड़ा सम्मान है। वे खुद कह चुके हैं कि मैं चुनाव लड़ा नहीं चाहता था। पार्टी का आदेश था तो चुनाव लड़ रहा हूं। आप इसी से कांग्रेस के अंदर की सि्थति समझ सकते हैं। बाकी चीजें परिणाम के साथ सामने आ जाएंगी।

चुनावी मुद्दा व भावी एजेंडा

भाजपा का, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का, पार्टी के हर कार्यकतर, पदाधिकारी का एक ही मुद्दा व एजेंडा है और इस पर हम पिछले दस साल से काम कर रहे हैं। यह संकल्प व एजेंडा है, 'जो है, वह सबके लिए।' पहले जैसे नहीं कि हैण्डपंप चीन्ह्-चीन्ह् कर लगाए जाते थे।

अब तो नल-जल योजना से हर घर में जल हैे। गांव में हरें के लिए सड़क है। सरकार की हर योजना प्रत्येक पात्र के लिए है। और उनका लाभ प्रत्येक को मिले, इसी संकल्प, मुद्दे व एजेंडे के साथ हम इस बार के लोकसभा चुनावों में भी हैं। हमारा यह एजेंडा व संकल्प लोकसभा चुनाव की निश्चित विजय के बाद भी 'चरैवेति, चरैवेति' की तर्ज पर चलता रहेगा।

Created On :   4 April 2024 2:46 PM IST

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