प्रशासन की टीम ने मारा छापा, स्टेमफील्ड स्कूल से फर्जी आईएसबी नंबर की कई किताबें जब्त

अभिभावकों ने दर्ज कराएं बयान, पुलिस जाँच के बाद बढ़ेंगी धाराएं

डिजिटल डेस्क जबलपुर। निजी स्कूलों की मनमानी के विरुद्ध रविवार को भी अभिभावकों द्वारा स्टेमफील्ड स्कूल की शिकायत की गई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने रविवार को भी छापामार कार्रवाई करते हुए फर्जी आइएसबी नंबर की कई किताबों को जब्त किया है। इसके साथ ही मामले को जाँच में लिया गया है। पुलिस टीम द्वारा भी इसकी जाँच की जा रही है। पुलिस जाँच के बाद स्कूल प्रशासन पर और धाराएँ बढ़ा सकती है।





प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय नगर स्थित निजी स्कूल स्टेमफील्ड में जिला प्रशासन की टीम ने छापा मारकर अभिभावकों से बुलवाई गई करीब 35 किताबों को जब्त किया है। सुबह स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा एसएमएस और फोन के माध्यम से इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद प्रशासन की टीम स्टेमफील्ड स्कूल विजयनगर पहुँची। जिला प्रशासन की टीम ने जाँच में पाया कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के छात्रों को किताबें लेकर आने के लिए कहा। यह भी कहा गया कि बुक पर छात्र और अभिभावक के नाम के साथ कक्षा का जिक्र भी हो।




पैरेन्ट्स द्वारा ये किताबें जमा कराई जा रही हैं और इसके बदले में किताब कब मिलेगी और मिलेगी या नहीं, ये नहीं बताया है। जाँच टीम में एसडीएम, डीईओ एवं अन्य कर्मचारी शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने शहर के 11 प्रमुख स्कूलों पर कार्रवाई करते हुए 51 आरोपियों के िखलाफ विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें विद्यालय प्रबंधन से सम्बंधित 30 आरोपी हैं, जबकि पुस्तक विक्रय से सम्बंधित 5 और प्रकाशक से संबंधित 16 आरोपी बनाए गए हैं। इस प्रकार कुल 21 आरोपी तो पुस्तकों से सम्बंधित ही निकले हैं। इन 11 स्कूलों ने लगभग 81 करोड़ रुपयों की अवैध फीस वसूल की थी जिसे वापस करने 30 िदनों का समय दिया गया है।

स्कूल द्वारा वापस मँगाईं थीं ये किताब -




स्कूल ने अभिभावकों से हिन्दी व्याकरण की सृजन हिन्दी व्याकरण तथा रचना की किताब लेकर आने को कहा। सभी किताबें कक्षा 6 से 8वीं तक की बताई जा रही हैं। कई अभिभावकों ने इस बारे में पूछा तो टीचर्स ने जवाब दिया कि मैनेजमेंट की ओर से ऐसा करने के लिए कहा गया है। अभिभावकों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर किताबें जमा कराने की जरूरत क्या है।

ये व्यक्त किया गया संदेह

प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक किताबें जमा कराने के पीछे आशंका व्यक्त की जा रही है कि स्कूल प्रबंधन इनका आईएसबी नंबर चैक करना चाहता था और यदि फर्जीवाड़ा निकलता, तो किताबों को नष्ट कर वैध किताबें पैरेन्ट्स को दे दी जातीं। हालांकि, कानूनी तौर पर इस प्रक्रिया को सबूत मिटाने की संज्ञा दी जाती है। ऐसे समय में जब किताबों को लेकर जाँच-पड़ताल चल रही है, तब अभिभावकों से किताबें जमा करवाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।

अभिभावकों के बयान दर्ज

जाँच दल ने मौके पर मौजूद अभिभावकों के बयान दर्ज किए हैं, अभिभावकों ने कहा कि जब स्कूल की ओर से मैसेज आया तो उन्हें भी आश्चर्य हुआ था लेकिन फिर भी वे किताब लेकर स्कूल आ गये। जाँच दल ने किताबें भी जब्त की हैं, क्योंकि अब इन किताबों के आईएसबी नंबर की जाँच होगी।

Created On :   2 Jun 2024 9:54 PM IST

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