महाप्रयाण: जीव दया और अहिंसा के प्रवर्तक थे आचार्य विद्यासागर

जीव दया और अहिंसा के प्रवर्तक थे आचार्य विद्यासागर
  • बड़ा फुहारा में देखा गया समाधि का लाइव प्रसारण
  • दी श्रद्धांजलि, जैन समाज के लोगों ने दिनभर बंद रखे प्रतिष्ठान
  • नम आँखों से आचार्य श्री को नमन किया।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जीव दया और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन और शिक्षा प्रदान करने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज की समाधि का समाचार जैसे ही जबलपुर पहुँचा, उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

सभी समाज के लोगों ने उनकी समाधि पर शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। रविवार को जैन समाज के सभी प्रतिष्ठान बंद रहे। श्री दिगम्बर जैन पंचायत सभा एवं सकल जैन समाज ने कमानिया गेट बड़े फुहारा पर आचार्य श्री की समाधि का लाइव प्रसारण आयोजित किया।

इस दौरान नम आँखों से आचार्य श्री को नमन किया। इस दौरान सतेन्द्र जैन जुग्गू, प्रदीप एचबी, अनिल गुड्डा, शैलेष आदिनाथ, प्रदीप रद्दी, अमित पड़रिया, अशोक, सुनील मंगलाहाट आदि मौजूद रहे।

ब्राह्मण मंडल ने दी श्रद्धांजलि-

संस्कार सिटी काॅलोनी के गार्डन में ब्राह्मण मंडल द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर आचार्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धांजलि दी गई। दो मिनट का मौन रखकर आचार्य श्री को याद किया गया। इस मौके पर राजेन्द्र तिवारी, अजय गर्ग, प्रकाश दुबे, रामनारायण तिवारी, जुगल किशोर पटेल आदि मौजूद रहे।

गढ़ा में कार्यक्रम-

सकल जैन समाज, गढ़ा द्वारा गढ़ा बाजार प्रांगण में आचार्य श्री की समाधि का लाइव प्रसारण किया गया। इस दौरान नम आँखों से लोगों ने आचार्यश्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनसे जुड़े संस्मरणों पर चर्चा भी हुई। निर्मल नारद ने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में श्रावक मौजूद रहे।

महान तपस्वी थे आचार्य श्री- जैन जागृति संघ ने आचार्य श्री की संलेखना पर श्रद्धांजलि दी। सुनील गढ़वाल, राकेश वासल, शैलेष, रिंकू, आकाश उजियारमूरी, प्रेषित दाऊ, अभिषेक वासल, समीर गढ़वाल, सिद्धार्थ उजियामूरी ने कहा कि आचार्य श्री महान तपस्वी व महाज्ञानी थे।

वे गागर में सागर नहीं केवल एक हाथ की उंगली में अपने शब्दों के माध्यम से सागर समाहित कर सरल और सुबोध भाषा में लोगों का पाप, ताप, संताप दूर करने में महारथी थे।

समाज के लिए अपूरणीय क्षति

त्याग और तप की मूरत जैन मुनि 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का तीन दिवसीय उपवास के बाद संलेखना पूर्वक समाधि लेना हमारे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। आचार्य श्री विद्यासागर जी की शिक्षाएँ सदैव ही हमें प्रेरणा देती रहेंगी।

राकेश सिंह, लोक निर्माण मंत्री

आचार्य श्री देह से विदा हो गए लेकिन उनके ज्ञान, उपदेश और विचारों का दिव्य प्रकाश हमारे जीवन को धन्य करता रहेगा और हमारी स्मृतियों में उनकी वाणी सदैव अनुगूँजित होती रहेगी। उनका आशीर्वाद कई बार मिला।

इंदू तिवारी, विधायक

ज्ञान, करुणा व सद््भावना से परिपूर्ण आचार्य श्री की शिक्षाएँ सदैव समाज और संस्कृति के उत्कर्ष के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती रहेंगी। वे विकसित भारत के शिल्पकार थे, ऐसे संत के श्री चरणों में नमन है।

अशोक रोहाणी, विधायक

आचार्य श्री का इस नश्वर संसार से गमन होने की सूचना से मन व्यथित हुआ, वे त्याग एवं तप की प्रतिमूर्ति थे। उनके कृतित्व से हमेशा मानव समाज को प्रेरणा मिलती रहेगी।

डाॅ. अभिलाष पांडे, विधायक

आचार्य श्री का इस तरह समाधि लेना दिन में अंधेरा छाने जैसा है। उन्होंने माँ नर्मदा के तट पर तपस्या की है।

शरद अग्रवाल, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ

आचार्य श्री का हर जीव के प्रति करुणा का भाव था। उनके विचारों को संकल्पित करना छोटी सी अंजुली में सागर को भरने का असंभव प्रयास है।

राहुल जैन, भाजपा नेता

आचार्य श्री न केवल जीवों के लिए बल्कि प्रकृति के लिए भी संवेदनशील थे। उनके उपदेश अनंत काल तक मानव समाज को प्रेरणा देते रहेंगे।

रिकुंज विज, ननि अध्यक्ष

Created On :   19 Feb 2024 7:06 PM IST

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