महकमे की नींद उड़ी: 38 फीसदी छात्र न प्राइवेट स्कूलों में आए न सरकारी में

38 फीसदी छात्र न प्राइवेट स्कूलों में आए न सरकारी में
  • कहाँ और कैसे बिगड़ा दाखिले का गणित?
  • बढ़ने के बदले घट गए पहली कक्षा के एडमिशन!
  • स्कूल खुलने के एक महीने बाद भी दाखिलों में रफ्तार नहीं

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। इस बार सरकारी और निजी स्कूलों की कक्षा पहली में अब तक 19,187 बच्चों के एडमिशन हो पाए हैं, जबकि बीते वर्ष यही आँकड़ा 30,546 तक जा पहुँचा था। सवाल यह है कि जिस आकड़े में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी होती आई है उसमें अचानक गिरावट क्यों? पिछले साल की तुलना में 37.19 प्रतिशत दाखिले कम हुए।

कई स्कूल तो ऐसे भी हैं जिनमें कक्षा पहली में एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है। एडमिशन की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है। हैरानी वाली बात यह है कि स्कूल खुलने के डेढ़ महीने बाद ऐसे हालात बन रहे हैं। शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद पहली कक्षा में निजी और सरकारी मिलाकर महज 62.81 फीसदी एडमिशन ही हो पाए हैं।

दाखिले की उम्र घटानी पड़ी|

स्कूल शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कक्षा पहली में प्रवेश के लिए 6 वर्ष की उम्र तय कर दी। दाखिले में असर को देखते हुए कुछ समय बाद ही शिक्षा विभाग को आनन-फानन में अपने आदेश को पलटना पड़ा। बाद में कक्षा पहली में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र साढ़े पाँच साल कर दी गई।

जानकारों का कहना है कि पहले आयु गणना के लिए 1 अप्रैल 2024 को आधार बनाया गया था जिसे बाद में बदलकर 30 सितंबर कर दिया गया।

कागजों पर दौड़ा स्कूल चलो अभियान|

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को स्कूल लाने के लिए कई तरह के सर्वे सहित स्कूल चलो अभियान शुरू किया गया, जिसमें महकमे ने पूरी ताकत झोंकी। इसके बाद भी वे बच्चों को स्कूल लाने में सफल नहीं हो पाए। इसकी वजह क्या रही, इसकी समीक्षा कागजों पर ही होती रही। अभियान भी कागजों पर ही दौड़ता रहा।

जिले के प्राइवेट स्कूलों में भी पहली कक्षा में प्रवेश का आँकड़ा अब तक 76.2 प्रतिशत ही पहुँच पाया है। प्राइवेट स्कूल में फर्स्ट क्लास में बीते साल 17,195 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था लेकिन इस बार 13099 छात्रों ने ही एडमिशन लिया है। बच्चों की अचानक घटी हुई इसी संख्या ने शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो बीते साल पहली में 13,351 छात्रों ने एडमिशन लिया था लेकिन इस बार सिर्फ 6088 एडमिशन ही हो पाए हैं। यह बीते वर्ष के मुकाबले 45.6 प्रतिशत ही है।

इन स्कूलों में एक भी एडमिशन नहीं

शहरी क्षेत्र में ऐसे 4 सरकारी स्कूल हैं जिनमें कक्षा पहली में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। इनमें शासकीय प्राइमरी मदर टेरेसा, तिलक भूमि तलैया, गढ़ा फाटक नंबर 1 और बृजमोहन नगर शामिल हैं। वही जबलपुर ग्रामीण में गोरा बाजार, छावनी परिषद कटंगा, उर्दू पेशकरी, करिया पाथर, जीसीएफ, गौरैयाघाट प्राथमिक शाला शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या एक सैकड़ा बताई जा रही है।

शासन ने निर्देश दिए हैं कि जिन बच्चों की आयु 1 अप्रैल 2024 को साढ़े पाँच वर्ष की होगी उन्हीं का पहली कक्षा में प्रवेश होगा इस नियम के कारण एडमिशन में कमी आई है, पहले प्रवेश की आयु सीमा 6 साल थी।

योगेश शर्मा, डीपीसी

Created On :   12 Aug 2024 7:44 PM IST

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