जबलपुर: स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में बनेंगे 2 नए वार्ड, रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बढ़ेंगे

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में बनेंगे 2 नए वार्ड, रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बढ़ेंगे
  • मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. नवनीत सक्सेना ने किया इंस्टीट्यूट का निरीक्षण, दिए जरूरी दिशा निर्देश
  • ग्राउंड फ्लोर पर सीटी स्कैन और लीनियर एक्सीलेटर मशीन के लिए बनाए गए बंकरों को भी देखा।
  • मरीजाें के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने हैं, इसके लिए मैन पॉवर की व्यवस्था की जाएगी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में अलग-अलग कारणों से कम हुए दो वार्डों की भरपाई नए वार्ड बनाकर की जाएगी। इसके अलावा मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर्स की संख्या भी बढ़ेगी।

साेमवार को कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. नवनीत सक्सेना ने स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के निरीक्षण के दौरान उक्त निर्देश दिए। बता दें कि इंस्टीट्यूट में आउटसोर्स पैथोलॉजी लैब बनने के बाद एक वार्ड कम हो गया था।

इसके बाद एक अन्य वार्ड में बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट शुरू की गई, जिसके चलते मरीजों के लिए 6 में 4 वार्ड ही उपलब्ध थे। निरीक्षण के दौरान पीआईयू के इंजीनियर्स भी मौके पर पहुँचे थे, जिन्होंने जानकारी दी कि बिल्डिंग में एक फ्लोर और आसानी बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद डॉ. सक्सेना ने छत पर 2 नए वार्ड बनाने के निर्देश दिए और 1 सप्ताह के भीतर इसकी डीपीआर प्रस्तुत करने के लिए भी कहा, ताकि शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

2 नए वार्डों में 1 पुरुष और 1 महिला वार्ड होगा। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक डॉ. लक्ष्मी सिंगोतिया, डॉ. श्यामजी रावत समेत अन्य चिकित्सक व स्टाफ की मौजूदगी रही।

2 लीनियर एक्सीलेटर, 1 सीटी स्कैन मशीन लगेगी

डीन ने पूरे भवन का निरीक्षण किया। ग्राउंड फ्लोर पर सीटी स्कैन और लीनियर एक्सीलेटर मशीन के लिए बनाए गए बंकरों को भी देखा। डीन ने बताया कि इंस्टीट्यूट का इन्फ्रास्ट्रक्चर भविष्य की जरूरतों के हिसाब से बना है।

उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट में 2 लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगेंगी, इसके अलावा 1 सीटी स्कैन मशीन भी लगना है। जरूरत पड़ने पर पेट स्कैन जैसी मशीन भी लगाई जा सकती है। आचार संहिता के हटने के बाद मशीनें आने की संभावना है।

2-3 समस्याएँ थीं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। मरीजाें के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने हैं, इसके लिए मैन पॉवर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो।

Created On :   7 May 2024 8:50 AM GMT

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