मणिपुर महिला परेड मामला: भीड़ ने मुख्य आरोपी का घर जलाया
- भीड़ ने जलाया मुख्य आरोपी का घर।
- बुधवार को सामने आया था वीडियो।
- मणिपुर में बीते कई दिनों से जारी है हिंसा।
डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को लोगों के एक समूह द्वारा दो निर्वस्त्र महिलाओं की परेड कराने के मामले में महिलाओं की भीड़ ने मुख्य आरोपी के घर को जला दिया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इंफाल में महिलाओं की भीड़ ने गुरुवार देर शाम थौबल जिले के याइरीपोक गांव में हुइरेम हेरोदास सिंह (मैतेई) के घर में आग लगा दी। मणिपुर पुलिस ने गुरुवार रात कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के चौंकाने वाले मामले में सिंह (मैतेई) समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है।मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया,“राज्य पुलिस शेष दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। छापेमारी जारी है।”
इस बीच, राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने मीडिया को बताया कि पीड़ित महिलाएं अब सुरक्षित हैं। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा कांगपोकपी, थौबल और आसपास के अन्य जिलों में तलाशी अभियान जारी रखा गया है।
अधिकारी ने कहा कि 4 मई की घटना में शामिल अपराधियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाशी की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है।इस बीच, दो पीड़िताओं में से एक के पति ने असम रेजिमेंट के सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा की है। भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में तैनात और कारगिल युद्ध के अनुभवी पूर्व सेना सूबेदार ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल से बात करते हुए अफसोस जताया कि हालांकि उन्होंने देश की रक्षा की, लेकिन वह अपनी पत्नी को भीड़ द्वारा अपमानित होने से नहीं बचा सके।
व्यथित पूर्व सैन्यकर्मी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, "मैंने कारगिल में देश के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन मैं इस बात से बहुत दुखी हूं कि मैं साथी ग्रामीणों को मेरी पत्नी को अपमानित करने और छेड़छाड़ करने से नहीं रोक सका।"
उन्होंने कहा कि 4 मई को, पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने इलाके में कई घरों को जला दिया, पीड़िताााओं को घरों से बाहर निकाला, उन्हें निर्वस्त्र किया और लोगों के सामने गांव की सड़कों पर चलने के लिए मजबूर किया और इस भयानक दृश्य को कैमरे में रिकॉर्ड किया। उन्होंने पुलिस पर "लकड़ी की गुड़िया" की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए इस जघन्य घटना में शामिल लोगों के लिए अनुकरणीय सजा की मांग की।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   21 July 2023 10:37 AM GMT