सजा: हिंगणघाट न्यायालय का फैसला, दुष्कर्मी को मिला 20 वर्ष का सश्रम कारावास

हिंगणघाट न्यायालय का फैसला, दुष्कर्मी को मिला 20 वर्ष का सश्रम कारावास
  • अदालत का फैसला
  • दुष्कर्मी को मिला 20 वर्ष का सश्रम कारावास

डिजिटल डेस्क, हिंगणघाट. 10 वर्षीय किशोरी साथ दुष्कर्म करने वाले हिंगणघाट तहसील के पिंपलगांव (माथनकर) गांव निवासी सुभाष उर्फ गोलू देवराव पिटेकर (34 को 20 वर्ष सश्रम कारावास व 76 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला हिंगणघाट के जिला व सत्र न्यायाधीश विद्याधर बी. काकतकर ने सुनाया है। 7 मई 2014 को दोपहर 1 बजे के दौरान हिंगणघाट तहसील के पिंपलगांव (माथनकर) गांव निवासी फरियादी की 10 वर्षीय पुत्री घर के सामने खेलते समय आरोपी सुभाष उर्फ गोलू पिटेकर वहां आया व उसने जबरन पीड़िता को उठाया और अपने घर ले-जाकर दुष्कर्म किया।

घटना की जानकारी पीड़िता ने अपनी माता को दी। पीड़िता की माता की शिकायत के आधार पर हिंगणघाट पुलिस ने ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस प्रकरण की जांच हिंगाघाट पुलिस थाना के पुलिस उपनिरीक्षक अचलकुमार कलकापुरे ने की। जांच के दौरान पुख्ता सबूत उपलब्ध होने से प्रकरण न्याय प्रविष्ठ किया। इस प्रकरण में सरकारी वकील के रूप में दीपक एम वैद्य ने कामकाज संभाला। उन्हंे पैरवी अधिकारी महिला पुलिस हवलदार रंजना झिलपे ने गवाहों को न्यायालय में पेश कर सहयोग किया।

कुल 12 गवाहों की जांच की गयी। सरकारी वकील दीपक वैद्य ने न्यायालय में युक्तिवद किया और आरोपी के खिलाफ अपराध साबित किया। पश्चात विद्यमान जिला व सत्र न्यायाधीश विद्याधर बी. काकतकर ने आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा व 76 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।


Created On :   15 May 2024 5:17 PM IST

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