खतरा बढ़ा: गोंदिया के उड़ानपुल पर गड्ढे को लेकर किया रास्ता रोको आंदोलन

गोंदिया के उड़ानपुल पर गड्ढे को लेकर किया रास्ता रोको आंदोलन
  • डरा रही पुल की दरारें
  • सड़क के एक हिस्से में बड़ी दरारें पड़
  • संगठन की ओर से रास्ता रोको आंदोलन

डिजिटल डेस्क, सड़क अर्जुनी (गोंदिया)। राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 6 पर कोहमारा से देवरी की ओर जाने वाले मार्ग पर शशिकरण पहाड़ी के पास अग्रवाल ग्लोबल इंफ्राटेक कंपनी द्वारा बनाए जा रहे उड़ान पुल पर 3 सितंबर की रात बारिश होने पर सड़क के एक हिस्से में बड़ी दरारें पड़ गईं। जिसके कारण निर्माण कार्य की पोल खुल गई। साथ ही इस मार्ग पर एक तरफा यातायात अब चलाया जा रहा है। अब स्थानीय सवाल यह पूछ रहे हैं कि यह पुल कितने दिन चलेगा और इसका भविष्य में क्या हाल होगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी 11 जून 2024 को एक दिन की बारिश में ही अंडर पास की दीवार ढह गई थी। जिसके बाद सांसद प्रशांत पडोले ने भी घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण करने के बाद एनएचएआई से मामले की जांच कराने को कहा था।

अब पुल पर लगभग एक किलोमीटर तक रोड फट गया है। इसके बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण निर्माता कंपनी पर क्या एक्शन लेता है। इसकी ओर जनता की नजरें लगी हुई हैं। इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना (उबाठा) की ओर से निर्माता अग्रवाल ग्लोबल कंपनी के प्रोजेक्ट मॅनेजर को नए सिरे से पुल का काम तत्काल करने की मांग करते हुए 9 सितंबर को रास्ता रोको आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसी के तहत आज 9 सितंबर को संगठन की ओर से रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया गया। जिसमें युवा सेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। संगठन की मांग थी कि क्षतिग्रस्त सड़क की तत्काल मरम्मत करने के साथ ही पुरातन शशिकरण मंदिर में जाने के लिए सर्विस रोड़ को जस का तस रखा जाना चाहिए।

आंदोलनकर्ताओं ने उड़ान पुल का निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ नारेबाजी भी की साथ ही कंपनी द्वारा किए जा रहे निकृष्ठ दर्जे के काम की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की। आंदोलनकर्ताओं ने चेतावनी दी कि निर्माता कंपनी एवं एनएचएआई की मिलीभगत से निकृष्ठ दर्जे का काम किया जा रहा है प्रतित होता है। आंदोलनकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे जिला प्रमुख शैलेष जैस्वाल ने चेतावनी दी कि यदि 7 दिनों के अंदर इस मामले की जांच नहीं की गई तो गोंदिया जिला शिवसेना द्वारा एनएचआई के नागपुर कार्यालय को ताला ठोका जाएगा। आंदोलन में युवा सेना के जिला प्रमुख महेश डुमरे, मनोज रामटेके, सचिन फुंडे, अरूण लेदे के साथ ही देवपायली, मोगर्रा, राजगुडा, मंदीटोला आदि गांवों के ग्रामीण भी शामिल हुए। इस दौरान पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त रखा गया था। जिससे आंदोलन के दौरान कोई अप्रीय घटना नहीं हुई। इस आंदोलन के संदर्भ में निर्माता कंपनी का पक्ष जानने के लिए कंपनी के प्रोजेक्ट मॅनेजर बिपीन श्रीवास्तव एवं लाईजिनिंग अधिकारी सुरेंद्रसिंग परिहार से मोबाईल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन कोई उत्तर नहीं दिया गया।

किसी के घर नहीं जला चूल्हा : सालेकसा (गोंदिया).सालेकसा तहसील के ग्राम धानोली से बाम्हणी तक सड़क निर्माण किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार जनप्रतिनिधियों से लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों तक से पत्र व्यवहार कर मांग की जा रही थी। लेकिन किसी भी प्रकार का कोई परिणाम नहीं निकलते देख क्षेत्र के नागरिकों ने विगत 15 अगस्त को धानोली बाम्हणी सड़क निर्माण समिति का गठन किया और इस समिति के माध्यम से संबंधित विभाग को तत्काल सड़क निर्माण कार्य शुरू न करने पर आमरण अनशन की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद जब कोई हल नहीं निकला तो ग्रामीणों ने 5 सितंबर से सड़क पर ही धरना आंदोलन शुरू कर दिया। 9 सितंबर को सुबह 9 से शाम 6 बजे तक आंदोलन स्थल पर धानोली गांव के नागरिकों ने दिनभर भूख हड़ताल की एवं गांव में चुल्हा बंद आंदोलन किया। जिसके चलते किसी भी घर में चुल्हा नहीं जला और सभी ने उपवास किया। सुबह 10 बजे गांव के सभी नागरिक आंदोलन स्थल पर एकत्रित हुए एवं रजिस्टर पर अपनी उपस्थिती दर्ज कराकर आंदोलन को सफल बनाया। गौरतलब है कि यह सड़क नहीं बन पाने के कारण धानोली, बाम्हणी, दरबडा, बोदलबोडी, नानव्हा, िगरोला, घौंसी, पिपरटोला, भजेपार के नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इन गांवों के नागरिक स्वास्थ्य सेवा, विद्यार्थी शिक्षा के लिए तथा बाजार से खरीदी के लिए आमगांव, गोंदिया जाते है। लेकिन धानोली से बाम्हणी तक का 4 किलोमीटर का मार्ग का निर्माण नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को एवं विद्यार्थियों को 25 किलोमीटर का फेरा लगाकर जाना पड़ता है।


Created On :   10 Sept 2024 10:46 AM GMT

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