Gondia News: लाखों रुपए खर्च करने पर भी नहीं बढ़ रही प्रेम के प्रतीक की संख्या

लाखों रुपए खर्च करने पर भी नहीं बढ़ रही प्रेम के प्रतीक की संख्या
  • न्यायालय ने सारस पक्षी के संवर्धन पर विशेष जोर के दिए निर्देश
  • मात्र 27 सारस पक्षी होने की जानकारी
  • विदर्भ में गोंदिया में सबसे ज्यादा सारस के जोड़े

Gondia News प्रेम का प्रतीक कहे जानेवाले सारस पक्षी की संख्या जिले में बढ़ाने के लिए लाखों खर्च किए जाते हैं। न्यायालय ने भी सारस पक्षी के संवर्धन पर विशेष जोर देकर जिले के अधिकारियों को उपाय योजना पर ध्यान देने को कहा है। लेकिन लाखों खर्च करने के बावजूद सारस पक्षी की संख्या बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है। जिले में अब मात्र 27 सारस पक्षी होने की जानकारी सामने आई है। गोंदिया तहसील के परसवाड़ा, झिलमिली, छिपिया, शिवनी, घाटटेमनी (आमगांव) क्षेत्र में सारस पक्षी नजर आते हैं। इनके संरक्षण के लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ ही जिला प्रशासन भी तगड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन इनकी घटती संख्या ने पक्षी प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है।

विदर्भ में केवल गोंदिया में ही सारस के जोड़े नजर आते हैं। इस वर्ष कामठा परिसर में सारस पक्षी ने घोंसला बनाकर अंडे भी दिए थे। लेकिन सारस के बच्चे किसी को नजर ही नहीं आए। कुछ वर्ष पहले बिजली के करंट एवं अन्य कारणों से इन पक्षियों की मौतें हुई। जहां इनका अधिवास रहता है वहां से हाईवोल्टेज बिजली के तारों की लाईन गई होने से सारस पक्षी के छोटे बच्चे उड़ान भरते हैं तो वे बिजली के तारों से टकरा जाते हैं। जिससे उनकी करंट लगने से मौत हो जाती है। इसके अलावा खेतों में रासायनिक खाद का बेहिसाब इस्तेमाल होने से भी सारस की मौत हो जाती है।

इस तरह कम होते गए सारस : वन्यजीव एवं वन विभाग द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जून एवं जुलाई माह में सारस पक्षी की जनगणना की जाती है। मिली जानकारी के आधार पर वर्ष 2011-12 में 52, वर्ष 2012-13 में 35, वर्ष 2014-15 में 38, वर्ष 2015-16 में 35, वर्ष 2016-17 में 37, वर्ष 2017-18 में 35, वर्ष 2018-19 में 38, वर्ष 2019-20 में 45, वर्ष 2020 में 45, वर्ष 2021 में 39, वर्ष 2022 में 34, वर्ष 2023 में 31 और वर्ष 2024 में कुल 27 सारस पक्षी की गणना की गई।

मानधन भी नहीं दिया जाता : खास बात यह भी है कि सारस का संरक्षण व संवर्धन करनेवाले सारस मित्रों को संबंधित विभाग की ओर से ना कोई मानधन मिलता है और ना कोई प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिससे सारस पक्षियों की देखरेख करनेवाले सारस मित्रों में कार्य के प्रति साफ तौर पर उदासीनता देखी जा रही है। कुछ सारस मित्रों को मिलने वाला मानधन भी रोक दिया गया है।

जिम्मेदारी से किया जा रहा कार्य : न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देश के अनुसार सभी विभागों को कार्य सौंपे गए हैं। जिससे हर विभाग एवं सामाजिक संस्थाएं सारस पक्षी के संवर्धन की ओर ध्यान दे रहे हैं। जिससे इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। - मुकुंद धुर्वे, मानद वन्यजीव संरक्षक, गोंदिया


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  • 21 Dec 2024 5:23 PM IST

    पक्षी प्रेमियों की चिंता बढ़ी

    प्रेम का प्रतीक कहे जानेवाले सारस पक्षी की संख्या जिले में बढ़ाने के लिए लाखों खर्च किए जाते हैं। न्यायालय ने भी सारस पक्षी के संवर्धन पर विशेष जोर देकर जिले के अधिकारियों को उपाय योजना पर ध्यान देने को कहा है। लेकिन लाखों खर्च करने के बावजूद सारस पक्षी की संख्या बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है। जिले में अब मात्र 27 सारस पक्षी होने की जानकारी सामने आई है। गोंदिया तहसील के परसवाड़ा, झिलमिली, छिपिया, शिवनी, घाटटेमनी (आमगांव) क्षेत्र में सारस पक्षी नजर आते हैं। इनके संरक्षण के लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ ही जिला प्रशासन भी तगड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन इनकी घटती संख्या ने पक्षी प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है।

Created On :   21 Dec 2024 5:22 PM IST

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