Gondia News: कचारगढ़ में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने उमड़ा जनसैलाब

कचारगढ़ में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने उमड़ा जनसैलाब
  • श्रद्धालुओं का लगा तांता
  • बड़ादेव , मां काली के दर्शन कर लिया आशीर्वाद

Gondia News आदिवासी गोंड समाज का श्रद्धा स्थल माने जाने वाले कचारगढ़ में 10 फरवरी से पांच दिवसीय कोयापुनेम महोत्सव प्रारंभ हो गया है। इस दौरान आदिवासी समाज के लोग यहां अपने कुल देवता का स्मरण एवं पूजा-अर्चना करने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में यहां आते हैं। इस पांच दिवसीय मेले के दौरान गोंडी धर्म परंपरा, भाषा, पूजा विधी, नृत्यकला एवं अन्य कलाओं का प्रदर्शन से आदिवासी संस्कृति की झलक यहां दिखाई देती है। कचारगढ़ में स्थित प्राकृतिक गुफा को एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी गुफा माना जाता है।

घने जंगलों के बीच ऊंचे पर्वत पर स्थित कचारगढ़ गुफा जहां एक ओर आदिवासियों का श्रद्धास्थल है। वहीं दूर-दूर से पर्यटक भी यहां यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचते है। इस यात्रा के दौरान देश के लगभग 16 राज्यों से लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के नागरिक यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हंै। जिनमें मुख्य रूप से महाराष्ट्र के साथ ही बिहार, झारखंड, उडीसा, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, कर्नाटक, नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से भी आने वाले श्रद्धालुओं का समावेश होता है।

10 फरवरी से शुरू हुई इस पांच दिवसीय कचारगढ़ यात्रा के दूसरे दिन 11 फरवरी को भी बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु अपने आराध्य की पूजा-अर्चना के लिए यहां पहुंचे एवं बड़ादेव तथा मां काली-कंकाली के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। दूसरे दिन आमगांव-देवरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय पुराम ने यहां पहुंचकर ध्वजारोहण किया तथा यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन वितरण भी किया। अलग-अलग वेशभूषा मंें आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाते हुए यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के समूह आकर्षण का केंद्र बने रहे।


Created On :   12 Feb 2025 1:08 PM IST

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