अपनी अपनी मांगें: कहीं धरना, कहीं आंदोलन की चेतावनी, समस्याओं को लेकर जारी हैं अलग अलग प्रदर्शन

कहीं धरना, कहीं आंदोलन की चेतावनी, समस्याओं को लेकर जारी हैं अलग अलग प्रदर्शन
  • संविदा विद्युत कर्मियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष दिया धरना
  • समस्याओं को लेकर किसान सभा और एआईएसएफ कल करेगी आंदोलन
  • लिखित आश्वासन के बाद पंचशीला ने खत्म किया अनशन

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य विज मंडल कंत्राटी कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति के बैनर तले 14 फरवरी को महानिर्मिति, महावितरण एवं महापारेषण इन तीनों विद्युत कंपनियों के संविदा कर्मचारियों ने वेतन में वृद्धि, दैनिक कामगार पद्धति के माध्यम से शाश्वत रोजगार दिए जाने की प्रमुख मांग व अन्य मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया। प्रमुख मांगों में 15 वर्षों से कार्य कर रहे कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत वृद्धि, रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार समान वेतन देने, संविदा कर्मचारियों को नियमित सेवा में समावेश किए जाने तक तीनों कंपनियों में नई भर्ती प्रक्रिया नहीं करने, समान काम के लिए समान वेतन देने, आईटीआई प्रशिक्षित न होने पर नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारियों को सेवा में वापस लेने, भ्रष्ट ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट में डालने, कर्मचारी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके वारिसों को दी जानेवाली 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद को बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने, संविदा कर्मचारियों की सेवा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में ग्रेज्युटी के राशि देने, तीनों कंपनियों में संविदा कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर उनके वारिसों को नियमित कामगार के रूप में सेवा में शामिल करने, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करनेवाले संविदा कर्मियों को नक्सल भत्ता देने, आंदोलन में भाग लेनेवाले मजदूरों को काम पर लेते समय पुलिस वेरिफिकेशन की सख्ती बंद करने, 3 एवं 4 में शासकीय सेवा में शामिल करने सहित अनेक मांगों का समावेश है। आंदोलन में छोटू बोरकर, कमलेश मेश्राम, समीर चव्हाण, राजकुमार ठकरेले, रोहित ठाकरे, आशीष बनोठे, प्रकाश लिल्हारे, गंगाधर सोनवाने, जगदीश बरबटे, जितेंद्र मंडिये, देवदास सोनुले, सचिन इरले, घनश्याम लाडे, भुषण ब्राम्हणकर, गुरुदेव फेंडर सहित बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी उपस्थित थे।

समस्याओं को लेकर किसान सभा और एआईएसएफ कल करेगी आंदोलन

उधर भंडारा में किसान सभा एवं एआयएसएफ के संयुक्त तत्वावधान में केंद्र एवं राज्य सरकार के मजदूर किसान एवं जनविरोधी नीति के खिलाफ कुछ वर्तमान समस्याओं और मांगों को लेकर शुक्रवार, 16 फरवरी को 1 बजे जिलाधिकारी चौक में आंदोलन करने का ऐलान किया है। विरोध प्रदर्शन के पश्चात अपनी मांगों का ज्ञापन प्रदर्शनकारी जिलाधिकारी और मंडल अधिकारी सौपेंगे।

केंद्र एवं राज्य सरकार के मजदूर किसान एवं जनविरोधी नीति के खिलाफ वर्तमान समस्याओं और मांगो को लेकर शुक्रवार, 16 फरवरी को मजदूर संगठन के संयुक्त कृति समिति एवं संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में औद्योगिक एवं ग्रामीण भारत बंद के लिए प्रदर्शन किए जाएगें। आंदोलन में सभी स्तर के नागरिक सहभागी हो ऐसा आह्वान आयटक एवं भाकप के हिवराज उके, ओबीसी जनगणना परिषद समन्वयक सदानंद इलमे, ऑल इंडिया स्टुडंट्स फेडरेशन के राज्य सचिव वैभव चोपकर, भाकप के तहसील सचिव गजानन पाचे, किसान सभा दिलीप ढगे, भगवान मेश्राम, वाल्मिक नागपुरे, ताराचंद देशमुख, रत्नाकर मारवाडे, मंगेश माटे, राधेश्याम मदनकर, भैय्याजी मलोडे, दीपक गजभिये, प्रियकला मेश्राम, ममता तुरकर, महानंदा गजभिये, उर्मिला वासनिक ने किया है।

न जीआर आ रहा, न हड़ताल खत्म हो रही

गोंदिया में आशा सेविका एवं गुट प्रवर्तकों के मानधन में वृद्धि की घोषणा की थी। लेकिन दो माह की अवधि बीत जाने के बावजूद इस संबंध में शासनादेश जारी नहीं किया गया। इससे त्रस्त होकर आयटक के नेतृत्व में आशा एवं गुट प्रवर्तकों ने हड़ताल शुरु कर दी है। हड़ताल को 34 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक शासन की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके कारण जीआर आ नहीं रहा और हड़ताल खत्म हो नहीं रही। ऐसी स्थिति निर्माण हो गई है। कर्मचारी हर दो-चार दिन बाद जिला परिषद के सामने पहुंचकर धरना आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत काम करनेवाली आशा सेविकाओं एवं गुट प्रवर्तकों के मानधन में वृद्धि की घोषणा गत वर्ष कर्मचारियों द्वारा की गई लंबी हड़ताल के बाद की थी। लेकिन इस संबंध में शासनादेश अब तक नहीं जारी किया गया है। जिसके कारण कर्मचारी लाभ से वंचित है। इसलिए दोबारा हड़ताल शुरू की गई है।

सरकार द्वारा आशा सेविकाएं एवं गुट प्रवर्तकों की बेमियादी हड़ताल की ओर अनदेखी किए जाने के कारण मुंबई में आजाद मैदान पर 11 फरवरी से बेमियादी धरना आंदोलन शुरू किया गया है। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए 14 फरवरी को गोंदिया की 200 से अधिक आशा सेविकाएं एवं गुट प्रवर्तक मुंबई के लिए रवाना हुईं हैं। जिनका नेतृत्व जिला उपाध्यक्ष कल्पना डोंगरे कर रहीं है। आंदोलनकारियों का स्पष्ट कहना है कि जब तक शासन अपने द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार मानधन वृद्धि का जीआर जारी नहीं करता, तब तक यह हड़ताल न केवल जारी रहेगी, बल्कि उत्तरोत्तर आंदोलन भी उग्र होगा।

लिखित आश्वासन के बाद पंचशीला ने खत्म किया अनशन

आमगांव तहसील की दहेगांव ग्राम पंचायत में आशा स्वयंसेविका भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता करते हुए पात्र उम्मीदवार को दरकिनार कर अन्य महिला का चयन किए जाने के मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर पीड़ित महिला पंचशीला राजेश चिंधालोरे ने तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सामने 12 फरवरी से आमरण अनशन शुरू किया था। जिसके बाद तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डा. रोशन राऊत ने अनशन स्थल पर भेंट देकर समझाने का प्रयास किया कि चयन प्रक्रिया ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के माध्यम से ग्रामसभा की मंजूरी से क्रियान्वित की गई और इसमें तहसील स्वास्थ्य अधिकारी की कोई भूमिका नहीं होती। इसके बावजूद पंचशीला चिंधालोरे जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता, तब तक अनशन पर बैठे रहने के निर्णय पर कायम रही। जिसके बाद 14 फरवरी को विधायक सहषराम कोरोटे ने अनशन स्थल पर भेंट देकर उसे जिला एकात्मिक आरोग्य एवं कुटुंब कल्याण सोसायटी के अध्यक्ष का तहसील स्वास्थ्य अधिकारी के नाम संबोधित एक पत्र सौंपा। जिसमें तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना दी गई कि दहेगांव में आशा स्वयंसेविका के पद पर चयनित की गई किरण राजेश राणे को दिए गए नियुक्ति आदेश को फिलहाल स्थगित किया जा रहा है एवं इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आशा स्वयंसेविका चयन प्रक्रिया की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया जाएगा एवं जांच समिति के अंतिम निर्णय के बाद योग्य उम्मीदवार को आशा स्वयंसेविका के रूप में नियुक्ति के लिए आदेश दिए जाएगे। जिसके बाद विधायक के हाथों नींबू पानी पीकर पंचशीला चिंधालोरे ने अपना अनशन फिलहाल स्थगित कर दिया।

Created On :   15 Feb 2024 5:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story