- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- गोंदिया
- /
- 200 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार की गई...
गोंदिया: 200 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार की गई धापेवाड़ा सिंचाई परियोजना बनी सफेद हाथी
- वर्ष 2005 में लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च कर धापेवाड़ा सिंचाई परियोजना शुरू
- 2009 में 220 करोड़ रुपए खर्च कर धापेवाड़ा बैराज का निर्माण किया
डिजिटल डेस्क, तिरोड़ा (गोंदिया)। महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2005 में लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च कर धापेवाड़ा सिंचाई परियोजना शुरू की थी एवं परियोजना का पहला चरण शुरू किया था। इसके बाद स्टेप-2 एवं स्टेप-3 तथा अदानी पावर प्लांट को पानी उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2009 में 220 करोड़ रुपए खर्च कर धापेवाड़ा बैराज का निर्माण किया गया। इस बैराज में लगभग दो टीएमसी पानी संग्रहित रहता है। इस सिंचाई परियोजना में तिरोड़ा तहसील के कवलेवाडा, बेलाटी बु.,मुंडीपार,मरारटोला एवं आसपास के गांवों के किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई। किसानों ने भी खुशी से अपनी जमीन दी। ताकि उन्हें सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सके। धापेवाड़ा स्टेप-1 योजना लगभग 8060 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई के लिए बनाई गई है।
इस योजना से 5 हजार हेक्टेयर जमीन की आसानी से सिंचाई हो सकती है। वर्ष 2021 से पूर्व 8 घंटे तक लोडशेडिंग रहने के बाद भी तत्कालीन सिंचाई अधिकारियों द्वारा खरीफ मौसम में लगभग 4200 हेक्टेयर एवं ग्रीष्मकालीन रबी मौसम में 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन वर्तमान में यहां कार्यरत अधिकारियों द्वारा इस योजना का बंटाढार कर रख दिया गया है। अब 24 घंटे बिजली की आपूर्ति रहने के बावजूद मात्र 800 से 900 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। जबकि धापेवाड़ा स्टेप- 1 से वर्ष 2022 में 8 घंटे लोडशेडिंग रहने के बाद भी 2500 से 2800 हेक्टेयर को सिंचाई होती थी। इस वर्ष बेलाटी खुर्द,तिरोड़ा,धादरी, लोधीटोला गांव की 1500 हेक्टेयर जमीन को पानी की उपलब्धता रहने के बावजूद सिंचाई से वंचित कर दिया गया।
जनप्रतिनिधियों ने बार-बार सिंचाई विभाग कार्यालय में जाकर उपविभागीय अभियंता प्रणय नागदिवे से मिलने की कोशिश की। लेकिन वह कभी कार्यालय में नहीं मिले। फोन करने पर भी जनप्रतिनिधियों को उत्तर नहीं देते।
धापेवाड़ा स्टेप-1 के लाभान्वित किसान समय पर पानी पट्टी टैक्स भरते है लेकिन सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। किसान अपनी आवाज इस सिंचाई परियोजना की वार्षिक बैठक में उठाने का प्रयास करते है तो अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और उन्हें चुप करा देते हैं। किसानों ने पानी की उपलब्धता रहने के बावजूद सिंचाई के लिए पानी नहीं लिए जाने पर वर्तमान अधिकारियों के प्रति नाराजी जाहिर की है।
सक्षम अधिकारी की नियुक्ति की जाए
डॉ. सुशील रहांगडाले, पूर्व जिप सदस्य, तिरोड़ा के मुताबिक किसानों की समस्या का निपटारा किया जाना आवश्यक है। परियोजना के स्टेप-1 के उपविभागीय अभियंता एवं अन्य अधिकारियों का तत्काल तबादला कर उनके स्थान पर कार्यक्षम अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने की हम मांग कर रहे हैं, ताकि किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
Created On :   6 Feb 2024 9:59 AM GMT