सुविधा: राशन पाने के लिए गरीबों को अब नहीं करनी पड़ेगी जद्दोजहद, आसानी से मिल सकेगा अनाज

राशन पाने के लिए गरीबों को अब नहीं करनी पड़ेगी जद्दोजहद, आसानी से मिल सकेगा अनाज
  • गड़चिरोली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शीघ्र सुविधा
  • आरंभ होगी राशन की नयी 168 सरकारी दुकानें
  • जिला प्रशासन के आपूर्ति विभाग ने प्रक्रिया आरंभ की

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। सरकार द्वारा गरीब तबके के लोगाें के जीवनयापन के लिए सरकारी अनाज योजना आरंभ की है। अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल संवर्ग के लिए आरंभ की गयी इस योजना के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न तरह का अनाज सरकारी दरों में उपलब्ध कराया जाता है। मात्र जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां आरंभ किये गये सरकारी दुकानों की संख्या कम हो रही है। इस समस्या का निवारण करने के लिए जिला प्रशासन ने सरकारी अनाज की दुकानों को बढ़ाने का फैसला लिया है जिसके तहत अब जिले में नयी 168 सरकारी दुकानें आरंभ होगी। इसके लिए जिला प्रशासन के आपूर्ति विभाग ने प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।

आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में तकरीबन 1800 से अधिक राजस्व गांव है। इसके मुकाबले में इन गांवों के लिए 1 हजार 196 सरकारी दुकानें आरंभ की गयी है। एक गांव में करीब 3 से 4 गांवों को जोड़ा गया है। जिस गांव के लिए दुकान मंजूर नहीं है, ऐसे गांवों के नागरिक राशन के लिए पैदल सफर कर अन्य गांवों में पहुंचकर राशन खरीद रहे हैं। मात्र बारिश के दिनों सरकारी राशन की खरीदी लोगों को कई तरह की परेशानियों में डाल देती है। जिले के अधिकांश नदी व नालों में पुल का निर्माणकार्य नहीं किया गया है। यदि किसी गांव में जाने के लिए नदी या नाला पार करना पड़ता है, तो ग्रामीण अपनी जान हथेली में लेकर दुकानों तक पहुंचते हैं।

सदियों से यही चलता आ रहा है। नागरिकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार की गयी मांग के बाद आपूर्ति विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। लोगों की परेशानियों काे कम करने के लिए नयी 168 सरकारी दुकानें खोलने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है। खास बात यह है कि, नयी दुकानों के लिए महिला बचत समूह अथवा पुरुष बचत समूह को अधिक प्राथमिकता भी दी जाएगी। प्रशासकीय स्तर पर दुकानों के लिए आवेदन की प्रक्रिया आरंभ की गयी है। मिली जानकारी के अनुसार, एक दुकान के लिए करीब 3 से 4 बचत समूहों द्वारा आवेदन किए गए हैं जिसके कारण दुकानों के लिए बचत समूहों में होड़ लगने के चित्र भी स्पष्ट रूप से दिखायी देने लगे हैं। गरीब लोगों को दो जून की रोटी के लिए कई तरह की जद्दोजहद करते पाया गया है। मात्र अब सरकारी दुकानों की संख्या बढ़ने के कारण यह जद्दोजहद काफी हद तक कम होने की उम्मीद व्यक्त हो रही है।


Created On :   27 Feb 2024 4:50 PM IST

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