सरकार पर आरोप: कोनसरी परियोजना के लिए जमीन देने से किसानों ने किया इनकार

कोनसरी परियोजना के लिए जमीन देने से किसानों ने किया इनकार
  • दबाव डालकर जमीन हड़पने का लगाया आरोप
  • किसानों ने अपनी भूमि नहीं देने का फैसला लिया
  • संबंधित किसानों के खेतों का नापजोख किया जा रहा

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। चामोर्शी तहसील के कोनसरी ग्राम में लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड कंपनी की ओर से लौह परियोजना का निर्माणकार्य आरंभ किया गया है। इस परियोजना के तहत कोनसरी गांव के किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ की गयी है। लेकिन अब संबंधित किसानों ने परियोजना के लिए अपनी भूमि नहीं देने का फैसला लिया है। साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए कंपनी और पुलिस विभाग द्वारा दबाव डालने का आरोप गुरुवार को एक पत्र परिषद के माध्यम से लगाया है। खेती के अलावा अन्य कोई दूसरा रोजगार नहीं होने से इस प्रक्रिया के चलते किसानों पर भूमिहिन होने की नौबत आन पड़ेगी। इस कारण किसी भी किसान से परियोजना के लिए जमीन नहीं लेने की मां भी इस समय किसानों ने की। पीड़ित किसानों ने पत्रकारों को बताया कि, एमआईडीसी के माध्यम से कोनसरी के किसानों को एक पत्र भेजकर 16 जुलाई 2024 से संबंधित किसानों के खेतों का नापजोख किया जा रहा है।

यह प्रक्रिया लॉयड्स मेटल्स कंपनी के अधिकारियों द्वारा पुलिस जवानों की सुरक्षा में किया जा रहा है। वहीं किसानों से उनकी जमीनें जबरन हथियाने का प्रयास भी इस प्रक्रिया के दौरान किया जा है। किसानों का कहना है कि, भूमि अधिग्रहण के लिए किसी भी किसान ने किसी भी कार्यालय में लिखित अथवा मौखिक आवेदन नहीं किया है। शुरुआती दौर से ही परियाेजना के लिए भूमि नहीं देने का निर्धार किसानों ने लिया है। बावजूद इसके किसानों पर दबावतंत्र का उपयोग कर जबरन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की जा रही है।

पिछले अनेक पीढ़ियों से यह किसान अपने खेतों में विभिन्न प्रकार की फसलें लगाकर अपना अाैर अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हंै। ऐसे में परियोजना के लिए जमीन देने पर यह किसान पूरी तरह भूमिहिन होंगे। इसी कारण किसी भी परिस्थिति में जमीन नहीं देने का निर्णय किसानों ने लिया है। इस संदर्भ में किसानों ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। पत्र परिषद में कोनसरी निवासी कुशाब गोडबोले, अविनाश पेदापल्लीवार, शामराव करपते, इंदरशाह तलांडे, गजानन आदे, सखुबाई आदे, सुनील भेंडारे, अशोक पेदापल्लीवार, नानाजी सरवर, मनू तलांडे, परशुराम तलांडे, शशिकला कुमरे समेत अन्य पीड़ित किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Created On :   6 Sept 2024 1:26 PM GMT

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