समस्याएं बेशुमार: 67 गांवों में अब तक नहीं पहुंची सड़क, बारिश में कट जाता है 223 गांवों का संपर्क

67 गांवों में अब तक नहीं पहुंची सड़क, बारिश में कट जाता है 223 गांवों का संपर्क
  • 42 साल का हुआ गड़चिरोली जिला
  • सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीण
  • बारिश के दिनों हालत हो जाती है बदतर

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। 26 अगस्त 1982 में चंद्रपुर जिले से विभक्त कर गड़चिरोली जिले का निर्माण किया गया। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिला आज पूरे 42 वर्ष का हो गया है। लेकिन इस कालावधि में ग्रामीण क्षेत्र का विकास अब तक नहीं हो पाया है। आज भी नागरिकों को पक्की सड़क के अभाव में पगडंडी से ही सफर करना पड़ रहा है। गांवों में शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं होने से लोगों नाले अथवा नदी के झरियां से ही पानी लाकर पीना पड़ रहा है। इतना ही नहीं हर वर्ष बारिश के दिनों में जिले के 223 गांवों को दुनिया के संपर्क से कटा रहना पड़ता है। जिले के 67 गांवों तक पहुंचने के लिए प्रशासन ने अब तक पक्की सड़क का निर्माणकार्य नहीं किये जाने से इन गांवों के नागरिकों को बस सेवा समेत अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

देश को स्वतंत्र हुए 77 वर्ष और गड़चिरोली जिला गठन को पूरे 42 वर्ष पूर्ण हुए हैं। इस कालावधि में गड़चिरोली जिले के ग्रामीण अंचल में विकास की गंगा पहुंचना आवश्यक था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण आज भी क्षेत्र वासियों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जिलेे के 67 गांवों में पहुंचने के लिए आज भी पक्की सड़क बनाई नहीं गयी है। इन गांवों मंे आरमोरी तहसील के 1, कुरखेड़ा 1, कोरची 7, धानोरा 14, गड़चिराेली 1, मूलचेरा 4, एटापल्ली 1, भामरागढ़ 28, अहेरी 9 और सिरोंचा तहसील के 1 गांव का समावेश है। इन गांवों तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं होने से सदियों से इन गांवों के नागरिक पगडंडी से ही सफर कर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं।

बारिश का मौसम जिले के 223 गांवों के लिए अभिशाप बना हुआ है। बारिश के करीब 4 महीनों तक इन गांवों का संपर्क पूरी दुनिया से कटा रहता है। इन गांवों में कोरची तहसील के 5, धानोरा 30, गड़चिरोली 3, चामोर्शी 3, मूलचेरा 2, एटापल्ली 103, भामरागढ़ 45, अहेरी 114 और सिरोंचा तहसील के 25 गांवों का समावेश है। इन गांवों में ऐसे भी कई गांव हैं जो बारिश के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि, राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गड़चिरोली जिले के पालकमंत्री है। वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी तत्कालीन पालकमंत्री का कार्य कर चुके हैं। दोनों मंत्रियों को गड़चिरोली से लगाव है। बावजूद इसके आदिवासियों की मांग अब तक पूर्ण नहीं हो पायी है। आदिवासियों के नसीब में सदियों से पगडंडी पर ही सफर करना लिखा हुआ है।

Created On :   26 Aug 2024 6:20 PM IST

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