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Gadchiroli News: गड़चिरोली जिले में तीन वर्ष से जंगली हाथियों से जूझ रहे ग्रामीण
- अब तक हजारों हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह
- 8 लोग हाथियों के हमले में गंवा चुके जान
Gadchiroli News अब तक गड़चिरोली जिले को आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित और विकास से वंचित के रूप में पहचाना जाता था। लेकिन अब इसी जिले को जंगली हाथियों से भी पहचाना जा रहा है। तीन वर्ष पूर्व ओड़िसा राज्य से छत्तीसगढ़ होते हुए जंगली हाथियों का एक झुंड गड़चिरोली में दाखिल हुआ। यह झुंड अब भी जिले में मौजूद होकर तीन वर्षों में इन हाथियों ने हजारों हेक्टेयर खेत की फसल को तबाह करने का कार्य किया है। वहीं हाथियों के हमले में अब तक 8 लोगांे ने अपनी जान भी गंवाई है। हाथियों का उपद्रव लगातार बढ़ने के बाद भी वनविभाग और हुल्ला टीम इन्हें खदेड़ने में नाकाम साबित हुए है। वर्तमान में हाथियों का झुंड पोर्ला वन परिक्षेत्र के परिसर में मौजूद होकर रात होते ही फसलों का नुकसान यहां बदस्तूर जारी है।
यहां बता दें कि, जंगली हाथियों के झुंड ने सर्वप्रथम धानोरा तहसील के मुरूमगांव वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले मुंज्यालगोंदी गांव परिसर में प्रवेश किया है। इस समय खरीफ सत्र का शुरुअाती दौर चल रहा था। हाथियों ने इस गांव के 3 से 4 मकानों को क्षति पहुंचाकर धान की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया था। इस घटना के बाद से हाथियों का उपद्रव अब तक शुरू है। तीन वर्ष में हाथियों ने दर्जनों मकानों को ध्वस्त किया। वहीं खेत में लगाई गई धान, कपास, मका और सब्जियों की फसल को तहस-नहस कर दिया।
जिले में राज्य का सर्वाधिक वन मौजूद होकर इसमें विभिन्न प्रकार के वनोपज और बांस उपलब्ध है। वहीं जिले में तालाबों की संख्या भी काफी अधिक मात्रा में होने से जंगली हाथियों के लिए जिले का परिसर पूरक है। इसी कारण यह झुंड जिले से वापस जाने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों ने जिले के विभिन्न स्थानों पर अब तक 8 लोगों को अपने पैरों तले रौंदकर उनकी जान भी ली है। वर्तमान में हाथियों का झुंड पोर्ला वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले परिसर में मौजूद हाेकर नुकसान का सिलसिला अब भी जारी है। लगातार हो रहे नुकसान के कारण जिले के किसान पूरी तरह संकट में दिखायी दे रहे हंै। लोगों की सुरक्षा और फसलों के नुकसान को रोकने के लिए हाथियों को तत्काल खदेड़ने की मांग की जा रही है।
Created On :   19 Dec 2024 7:13 PM IST