Gadchiroli News: राज्य की एकमात्र गोंडी-बोली की शाला का अस्तित्व बचाने ग्रामसभा ने शुरू किया संघर्ष

राज्य की एकमात्र गोंडी-बोली की शाला का अस्तित्व बचाने ग्रामसभा ने शुरू किया संघर्ष
  • प्रशासन ने शाला को बंद करने के आदेश जारी किए
  • शाला को मंजूरी दिलाने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर
  • गांव में गाेंडी-बोली शाला आरंभ की

Gadchiroli News धानोरा तहसील के पेंढरी समीपस्थ आदिवासी बहुल मोहगांव ग्रामसभा द्वारा राज्य की पहली गोंडी-बोली शाला को अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वर्ष 2019 में ग्रामसभा द्वारा आरंभ की गयी इस शाला को प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की अनुमति नहीं दिये जाने से प्रशासन ने शाला को बंद करने के आदेश जारी किए थे। अब इसी आदेश के खिलाफ ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने शाला को मंजूरी दिलाने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

धानोरा तहसील के अतिदुर्गम क्षेत्र में मोहगांव बसा हुआ है। इस गांव में ग्रामसभा का गठन किया गया है। इसके तहत आने वाले गांवों के छोटे बच्चे इसके पूर्व जिला परिषद की शालाओं में शिक्षारत थे। लेकिन बच्चों की भाषा मूलत: गोंडी होने के कारण उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में परेशानियां उठानी पड़ रही थी। इसी समस्या का निवारण करने के लिए ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने अपने ही गांव में गाेंडी-बोली शाला आरंभ की। महाराष्ट्र राज्य में गोंडी भाषा की किताबें नहीं होने से ग्रामसभा ने पड़ोसी छत्तीसगढ़ राज्य से विभिन्न प्रकार की किताबों का प्रबंध किया।

इस शाला पर देखरेख करने के लिए गांव परिषद और शाला प्रबंधन समिति का गठन भी किया गया। शुरूआत में 20 विद्यार्थी इस शाला में शिक्षारत थे। अब विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 70 पर पहुंच गयी है। इस बीच वर्ष 2022 में शिक्षा विभाग ने इस शाला काे एक नोटिस भेजकर शाला को अनधिकृत घोषित किया। साथ ही यह शाला बंद न करने पर प्रति दिन 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की सूचना भी दी गई। इसी फैसले के खिलाफ अब मोहगांव ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस कारण आगामी दिनों में यह शाला बंद होगी या इसे मान्यता मिलेगी, इस पर प्रश्न चिह्न बरकरार है।

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  • 23 Jan 2025 12:05 PM IST

    गोंडी-बोली शाला को अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा

    धानोरा तहसील के पेंढरी समीपस्थ आदिवासी बहुल मोहगांव ग्रामसभा द्वारा राज्य की पहली गोंडी-बोली शाला को अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वर्ष 2019 में ग्रामसभा द्वारा आरंभ की गयी इस शाला को प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की अनुमति नहीं दिये जाने से प्रशासन ने शाला को बंद करने के आदेश जारी किए थे। अब इसी आदेश के खिलाफ ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने शाला को मंजूरी दिलाने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

Created On :   23 Jan 2025 12:04 PM IST

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