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Gadchiroli News: फिर गडचिरोली के कोजबी क्षेत्र में दाखिल हुआ जंगली हाथियों का झुंड
- निरंतर उजाड़ रहे खेत की फसलें
- वनविभाग ने किया पंचनामा
- किसान हो रहे परेशान
Gadchiroli News देसाईगंज वनविभाग के तहत आने वाले पाेर्ला वन परिक्षेत्र के सिर्सी गांव परिसर से विचरण करते हुए जंगली हाथियों का झुंड अब कोजबी परिसर में दाखिल हो गया है। शुक्रवार की रात हाथियों के झुंड ने कोजबी क्षेत्र के खेतों में पहुंचकर धान की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाने की जानकारी सामने आयी है। इस बीच शनिवार की सुबह वनविभाग की टीम ने संबंधित किसानों के खेत में पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया। जंगली हाथियों का झुंड काेजबी परिसर में दोबारा दािखल होने से किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित दिखायी दे रहे हैं। वहीं आम नागरिकों में भी अब भय का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खरीफ सत्र अब अपने चरण में है। किसानों ने खेत में पहुंचकर धान कटाई का कार्य शुरू कर दिया है। कटाई की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद फसल को खेत में ही सूखने के लिए रखा जाता है। ऐसी स्थिति में ही अब हाथियों का झुंड खेतों में प्रवेश कर फसल को तहस-नहस करने लगा है। कोजबी गांव निवासी वासुदेव दुमाने के साथ सूरज दुमाने के खेत में पहुंचकर जंगली हाथियों ने धान की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। जानकारी के अनुसार, हाथियों ने सूरज दुमाने के खेत में रखे धान के ढेर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। नुकसान के घटना की जानकारी मिलते ही वनविभाग की टीम ने शनिवार को कोजबी परिसर के खेतों में पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया। नुकसानग्रस्त किसानों ने तत्काल वित्तीय मदद देने की मांग वनविभाग से की है।
मरेगांव परिसर में दो बाघों की दहशत : तहसील के मरेगांव परिसर में इन दिनों 2 बाघों का संचार शुरू होने से किसानों समेत ग्रामीणों में दहशतपूर्ण माहौल है। कृषि कार्य अंतिम चरण में शुरू होकर खेत परिसर में बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनाई देने से अब कृषि कार्य भी प्रभावित होने लगे हैं। हालांकि बाघ ने अब तक किसी पर हमला नहीं किया है, लेकिन गांव परिसर में ही बाघ का संचार शुरू होने से लोगांे में भयपूर्ण माहौल है। बता दें कि, पोर्ला वन परिक्षेत्र के तहत मरेगांव का समावेश है। इस वनक्षेत्र से रांगी का परिसर सटा होने और यह इलाका घने जंगल से घिरा होने के कारण कुछ दिनों से 2 बाघों ने अपना ठिकाना इसी परिसर में बनाया है। खेत में कार्य करने पहुंच रहे मजदूरों व किसानों को बाघ के दहाड़ने की आवाजंे स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहीं हैं जिससे किसान व मजदूर भी अब खेत में जाने से कतराने लगे हैं। परिसर में बाघों का संचार शुरू होने के बाद भी अब वनविभाग द्वारा गांव परिसर में जनजागृति शुरू नहीं की गई है। समय रहते ही दोनों बाघों का तत्काल बंदोबस्त करने की मांग मरेगांव के किसानों और नागरिकों ने की हैै।
Created On :   10 Nov 2024 10:07 AM GMT