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Gadchiroli News: जंगली हाथी, अतिवृष्टि और बाढ़ की भेंट चढ़ीं फसलें, किसान चिंता में घिरे
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- वापसी की बारिश ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी
- तीन वर्ष से हाथियों ने कर रखा है जीना हराम
- इस वर्ष प्राकृतिक आपदा ने कर दिया परेशान
Gadchiroli Kurkheda News इस वर्ष शुरुआती दौर से ही किसानों के लिए खरीफ सत्र नुकसानदेह साबित हो रहा है। तहसील में अतिवृष्टि, बाढ़ और जंगली हाथियों के उत्पात के चलते किसानों के धान फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। अब पिछले दो दिनों से जारी बारिश ने भी धान की फसल को तहस-नहस कर दिया है। इस बारिश के कारण तहसील के विभिन्न गांवों के खेतों में नुकसान का मंजर देखने को मिल रहा है। लगातार हो रहे नुकसान के कारण इस वर्ष किसान पूरी तरह चिंता के सागर में डूबे हुए नजर आ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खरीफ सत्र के दौरान किसानों द्वारा हल्की, मध्यम और भारी प्रकार के धान की फसल लगायी जाती है। वर्तमान में हल्की प्रजाति की फसल पर धान उगना शुरू हो गया है। यह फसल लंबाई में करीब 3 फीट से अधिक बढ़ गई है। ऐसे में अब इस फसल को पानी की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन दो दिनों से क्षेत्र में जारी बारिश के कारण धान की फसल पूरी तरह जमींदोज हो गई है।
तहसील के चिखली, कुंभीटोला गांव निवासी विजय डहाले, ईश्वरदास डहाले, गुलाबचंद पगडवार, महेश बसोना, दयाराम होलीकर, श्रीराम नागपुरे, तारेंद्र डहाले, विनोद डहाले, पुंडलिक नागपुरकर, मनोहर झोडे, धनंजय तलांडे आदि समेत अन्य किसानों की धान फसल पूरी तरह जमींदोज हो गई है। इसके पूर्व भी खरीफ सत्र के शुुरुआती दौर में हुई मूसलाधार बारिश के चलते फसलों को नुकसान पहुंचा था जिसके कारण किसानों को दोबारा बुआई करना पड़ा जिस समय रोपाई का कार्य नियोजित था, ठीक उसी दौरान अतिवृष्टि के चलते बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई। करीब पांच दिनों तक परिसर के खेत तालाब में तब्दील होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था।
आये दिन ओड़िसा राज्य से दाखिल हुए जंगली हाथियों के झुंड ने खेत में प्रवेश करना शुरू किया है। इन हाथियों ने भी धान की फसल को लगातार नुकसान पहुंचाया है। अब वापसी की बारिश ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का कार्य किया है। लगातार दो दिनों तक हुई बारिश के चलते किसानों की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग द्वारा समय पर पंचनामा कर संबंधितों को वित्तीय मदद देने की मांग नुकसानग्रस्त किसानों द्वारा की जा रही है।
Created On :   26 Sept 2024 3:39 PM IST