Gadchiroli News: जलसंकट के आसार, दिना डैम में बचा है केवल 25.36 प्रतिशत ही पानी

जलसंकट के आसार, दिना डैम में बचा है केवल 25.36 प्रतिशत ही पानी
  • चिचडोह बैरेज में 29.18 प्रतिशत शेष
  • गड़चिरोली जिले में नदियों की संख्या काफी अधिक
  • सभी नदियों में घटने लगा जलस्तर

Gadchiroli News ग्रीष्मकाल की आहट शुरू होते ही तीव्र गति से जलस्रोत घटने लगा है। इसी का नतीजा है कि जिले में मौजूद प्रमुख जलस्रोत का स्तर घटने लगा है। विशेषत: डेढ़ माह पूर्व जिले में 39.969 प्रतिशत जल भंडारण उपलब्ध था। अब इसमें भी 14 प्रश की कमी हुई है। वर्तमान में जिले के एकमात्र दिना डैम में केवल 25.36 प्रतिशत जल शेष होने की जानकारी सिंचाई विभाग ने दी है जिसके कारण इस वर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान जिलावासियों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।

गड़चिरोली जिले में चार प्रकल्प होकर इसमें चामोर्शी तहसील के रेगड़ी स्थित दिना डैम, इसी तहसील के वैनगंगा नदी पर निर्माण किया गया चिचडोह बैरेज, कुरखेड़ा तहसील का येंगलखेड़ा और कोसरी प्रकल्प का समावेश है। सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में दिना डैम में 25.36 प्रश जल भंडारण शेष है। वहीं चिचडोह बैरेज में 29.18 प्रश, येंगलखेड़ा प्रकल्प में 61.11 प्रश और कोसरी प्रकल्प में 84.14 प्रश जल भंडारण शेष है। जिले में 2 लघु प्रकल्प होकर इसमें सिरोंचा तहसील के अमराजी लघु प्रकल्प में नाममात्र 2.16 प्रश पानी होकर पेंटीपाका लघु प्रकल्प में 2.46 प्रश जल भंडारण शेष है। वहीं जिले में सिंचाई विभाग के तहत 15 बड़े माजी मालगुजारी तालाब होकर 9 छोटे तालाब हैं। इन तालाबों में 57.76 प्रश जल शेष होकर इस पानी की मदद से संबंधित गांवों की प्यास बुझ सकती है।

उल्लेखनीय है कि, गड़चिरोली जिले में नदियों की संख्या काफी अधिक है जिसमें प्रमुखता से वैनगंगा, गोदावरी, प्राणहिता, पामुलगौतम, कठानी, खोब्रागड़ी, गाढवी जैसी नदियां शामिल हैं। लेकिन इन नदियों पर अब तक पानी संग्रहण की कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं की गयी है। हर वर्ष जिले में औसतन से अधिक बारिश दर्ज होती है। लेकिन यह पानी नदियों की धार में आगे बढ़ जाता है जिसके कारण ग्रीष्मकाल के दौरान स्थानीय नागरिकों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ता है। चामोर्शी तहसील के दिना डैम की मदद से हजारों एकड़ खेत को सिंचित किया जाता है। वहीं जलसंकट के दौरान इसी डैम के पानी से नागरिकों की प्यास बुझाई जाती है। लेकिन ग्रीष्मकाल की अाहट के दौरान ही यह डैम अब सूखने लगा है। फलस्वरूप इस वर्ष जिले में जलसंकट विकराल रूप धारण करने की आशंका व्यक्त की जा रही है।


Created On :   20 Feb 2025 1:14 PM IST

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