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Gadchiroli News: गड़चिरोली के मछुआरों को मिली दुर्लभ सकरमाऊथ कैटफिश

- वन्यजीव प्रेमियों ने बचायी जान
- अमेरिका में पायी जाती है यह मछली
Gadchiroli News नदियों से घिरे गड़चिरोली जिले में विभिन्न प्रजातियों की मछलियां पायी जाती हैं लेकिन गुरुवार की सुबह जिला मुख्यालय से सटी कठानी नदी में कुछ मछुआरों को एक दुर्लभ प्रजाति की मछली मिली। इस मछली का नाम सकरमाउथ कैटफीश होकर इसकी जानकारी मिलते ही शहर के कुछ वन्यजीव प्रेमियों ने नदी परिसर में पहुंचकर इस मछली को बचाया।
बता दें कि, कठानी नदी में हर दिन मछुआरों द्वारा मछली पकड़ी जाती है। गुरुवार की सुबह भी कुछ मछुआरे इस नदी में पहुंचे और जाल फेंककर मछली पकड़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान उनकी जाल में एक काले रंग की मछली फंसी। लेकिन इस मछली को देखकर सभी मछुआरे आश्चर्यचकित हो गये। इसके पूर्व इस तरह की मछली किसी ने नहीं देखी थी। कुछ मछुआरों ने इसकी सूचना गड़चिरोली के वन्यजीव प्रेमी और सर्पमित्र अजय कुकुडकर दी। जानकारी के मिलते ही कुकुडकर नदी परिसर में पहुंचे। उन्होंने मछली को देखते ही इसके प्रजाति का आकलन किया। इस मछली का नाम सकरमाउथ कैटफीश होकर यह अमेरिका देश में आसानी से पायी जाती है।
घर के फीश टैंक में इस मछली को रखकर घर की शोभा बढ़ाई जाती है। अमेरिका में पायी जाने वाली इस मछली को कुछ लोगों ने भारत देश में लाया और इसे नदी के प्रवाह में छोड़ दिया था। मछली की यह प्रजाति काफी दुर्लभ होने के कारण कुकुडकर और मछुअारों ने इस मछली को नदी में छोड़ दिया। लेकिन कुछ समय के लिए यह मछली चर्चाओं का विषय बनीं हुई थी।
पहली बार ही नजर आयी : मछली की इस प्रजाति को गड़चिरोली में पहली ही बार देखा गया है। इस मछली का प्रजनन तीव्र गति से होता है। जलचरों के लिए यह मछली काफी घातक होती है। अन्य मछलियों के अंडे खाने के साथ छोटी-बड़ी मछलियों को भी यह मछली निगल जाती है। यह मछली दुर्लभ होने के कारण इसे नदी में छोड़ दिया गया। -अजय कुकुडकर, वन्यजीव प्रेमी व सर्पमित्र गड़चिरोली
Created On :   21 March 2025 3:23 PM IST