Gadchiroli News: गड़चिरोली के 7 हजार किसानों ने करवाया मिट्‌टी परीक्षण

गड़चिरोली के 7 हजार किसानों ने करवाया मिट्‌टी परीक्षण
  • किसानों को हर वर्ष अपने खेत के मिट्टी का परीक्षण की सलाह
  • 6 हजार 996 किसानों ने सरकारी योजना का लिया लाभ

Gadchiroli News धान उत्पादक जिले के रूप में परिचित गड़चिरोली के किसान अच्छे उत्पादन के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक खाद का उपयोग करने लगे हैं। अधिक खाद के उपयोग से खेत जमीन की उर्वरता कम होने लगी है। जिसके कारण सरकार द्वारा किसानों को हर वर्ष अपने खेत के मिट्टी का परीक्षण करने की सलाह दी जाती है। इस परीक्षण के बाद किसानों द्वारा जैविक अथवा अन्य खाद का उपयोग कर जमीन की उर्वरकता को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। गड़चिरोली के जिला मृदा सर्वेक्षण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 की कालावधि में कुल 6 हजार 996 किसानों के खेत का मृदा परीक्षण किया गया है। जिनमें से 6 हजार 625 किसानों को जमीन की स्वास्थ्य पत्रिका बांटी गयी। उल्लेखनीय यह हैं कि, विभाग ने 9 माह की कालावधि में 16 हजार 256 किसानों के खेत में पहुंचकर मृदा के नमूने लिये थे।

बता दें कि, रासायनिक खाद, पानी का कम व अधिक उपयोग, जैविक खाद का अभाव और अन्य विभिन्न कारणों के चलते जमीन का स्वास्थ्य बिगड़ते जा रहा है। जमीन के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से मृद स्वास्थ्य पत्रिका नामक महत्वकांक्षी योजना राज्य में वर्ष 2015-16 से लागू की गयी। इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान अपने खेत जमीन के स्वास्थ्य की जानकारी ले सकते हैं।

गड़चिरोली जिले में खरीफ सत्र के दौरान खासकर धान की फसल लगायी जाती है। वहीं रबी सत्र के दौरान मका, चना, मिर्च, कपास समेत अन्य फसलें लगायी जाती है। अच्छे और अधिक उत्पादन के लिए जमीन की उर्वरता को बनाए रखने की आवश्यकता है। लेकिन कई बार मात्रा से अधिक प्रमाण में रासायनिक खाद का उपयोग किये जाने से उत्पादन पर असर होता है। अधिक खाद के चक्कर में अनावश्यक खर्च में भी वृध्दि होती है। मिट्टी परीक्षण के चलते मृदा के स्वास्थ्य की सटिक जानकारी किसानों को मिलती है। यदि जमीन की उर्वरता कम हो गई हैं तो जैविक खाद से उर्वरता को दोबारा बनाया जा सकता है। इसी कारण मिट्टी का परीक्षण करना काफी आवश्यक है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 9 महीने की कालावधि में जिलेभर से 6 हजार 996 मृदा परीक्षण किये गये है। जिसमें गड़चिरोली तहसील में 720, धानोरा 100, चामोर्शी 700, मुलचेरा 399, देसाईगंज 546, आरमोरी 761, कुरखेड़ा 655, कोरची 200, अहेरी 942, एटापल्ली 150, भामरागढ़ 527 और सिरोंचा तहसील से 1 हजार 296 खेत की मिट्टी का परीक्षण किया गया है। मृदा परीक्षण के लिए विभाग के माध्यम से किसानों में जनजागृति का कार्य भी प्रभावि रूप से किया जा रहा है।

Created On :   7 Dec 2024 1:46 PM IST

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