Gadchiroli News: 28 लाख के इनामी चार नक्सलियों ने किया पुलिस के समक्ष सरेंडर

28 लाख के इनामी चार नक्सलियों ने किया पुलिस के समक्ष सरेंडर
  • टीसीओसी के शुरुआती दिनों में ही पुलिस को मिली बड़ी सफलता
  • दो समर्पित दंपति में एक डीवीसीएम, एक एसीएम समेत दो नक्सल सदस्य

Gadchiroli News नक्सलियों के टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) कालावधि के शुरुआती दिनों में ही नक्सलियों को मुंह की खानी पड़ी है। सोमवार 3 फरवरी को जिला पुलिस विभाग को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। कुल 28 लाख रुपए के इनामी 2 नक्सल दंपतियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। समर्पित नक्सलियों में एक डीवीसीएम, एक एसीएम और 2 नक्सल सदस्य शामिल होकर इन चारों नक्सलियों के खिलाफ जिले के विभिन्न पुलिस थानों में अनेक संगीन अपराध दर्ज है।

पुलिस को मिली इस बड़ी कामयाबी के चलते एक बार फिर जिले का नक्सल आंदोलन बैकफुट पर सिमटते नजर आ रहा है। आत्मसमर्पित नक्सलियों में 16 लाख रुपए इनामी टेक्निकल टीम का डीवीसएम अहेरी तहसील के अर्कापल्ली निवासी अशोक पोच्या सडमेक उर्फ बालन्ना उर्फ चंद्रशेखर (63), उसकी पत्नी 6 लाख रुपए इनामी एटापल्ली तहसील के कोरनार निवासी वनिता दोहे झोरे (54), 4 लाख रुपए इनामी प्लाटून क्रमांक 32 सदस्य साधु लिंगु माेहंदा उर्फ शैलेश उर्फ समीर (30) और उसकी पत्नी 2 लाख रुपए इनामी पार्टी सदस्य छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिले के सिलिंगोर निवासी मुन्नी पोदिया कोरसा (25) शामिल हैं।

पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, डीवीसीएम अशोक पोच्या सडमेक केे खिलाफ जिले में विभिन्न पुलिस थानाें में कुल 82 अपराध दर्ज किए गए हैं। जिसमें प्रमुखता से 31 मुठभेड़, 17 अागजनी और अन्य 34 मामले शामिल हैं। अशोक की पत्नी वनिता के खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं। 4 लाख रुपए इनामी साधु के खिलाफ कुल 4 मामले दर्ज होकर वर्ष 2011 में जनमिलिशिया सदस्य के रूप में उसने नक्सल आंदोलन का दामन थामा था। उसकी पत्नी मुन्नी ने ने अपना अधिकांश कार्यकाल छत्तीसगढ़ राज्य में ही बिताया।

चारों नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद सरकार ने डीवीसीएम अशोक के पुनर्वास के लिए 8.50 लाख, उसकी पत्नी वनिता के लिए 5 लाख, साधु के लिए 5 लाख और उसकी पत्नी मुन्नी के लिए 1.5 लाख रुपए की निधि मंजूर की है। नक्सलियों का आत्मसमर्पण पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) संदीप पाटील, गड़चिरोली परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक अंिकत गोयल, सीआरपीएफ (अभियान) के पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, सीआरपीएफ 9 बटालियन के कमांडंट शंभु कुमार के मार्गदर्शन में किया गया।

क्या है टीसीओसी : गर्मी का मौसम आरंभ होते ही फरवरी माह से नक्सल आंदोलन द्वारा (टीसीओसी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) कालावधि की शुरुआत की जाती है। इस कालावधि में पतझड़ शुरू होता है जिसके कारण जंगल में काफी लंबी दूरी के ठिकानों का पता लगाना आसान होता है। इसी कारण फरवरी माह से करीब चार माह तक नक्सलियों द्वारा हिंसक कार्रवाइयों काे अंजाम दिया जाता है। इसी कालावधि में बड़ी योजनाओं की रणनीति तैयार करना, दलम में नए सदस्यों काे जोड़ने के साथ दलम सदस्याें को आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

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  • 4 Feb 2025 12:57 PM IST

    पुलिस विभाग को एक बड़ी कामयाबी हासिल

    नक्सलियों के टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) कालावधि के शुरुआती दिनों में ही नक्सलियों को मुंह की खानी पड़ी है। सोमवार 3 फरवरी को जिला पुलिस विभाग को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। कुल 28 लाख रुपए के इनामी 2 नक्सल दंपतियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। समर्पित नक्सलियों में एक डीवीसीएम, एक एसीएम और 2 नक्सल सदस्य शामिल होकर इन चारों नक्सलियों के खिलाफ जिले के विभिन्न पुलिस थानों में अनेक संगीन अपराध दर्ज है।

Created On :   4 Feb 2025 12:55 PM IST

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