शिकायत पर नहीं किया गौर: शराबबंदी कराने ट्रैक्टर पर सवार होकर पुलिस थाना धमकीं महिलाएं

शराबबंदी कराने ट्रैक्टर पर सवार होकर पुलिस थाना धमकीं महिलाएं
  • पिछले कुछ दिनों से शराब की धड़ल्ले से हो रही बिक्री
  • लगातार शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं
  • आक्रोशित महिलाओं ने सबक सिखाने खुद कसी कमर

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। तहसील के बामणी ग्राम पंचायत के तहत आन वाले मोहडोंगरी, भगवानपुर और बामणी गांव में पिछले कुछ दिनों से शराब की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी है। तीनों गांवों में दर्जनों की संख्या में शराब विक्रेता सक्रिय होकर शराब की बिक्री के कारण गांव की शांति एवं सुव्यवस्था भंग होने लगी है। लगातार शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होते देख मंगलवार को संतप्त हुई महिलाओं ने ट्रैक्टर पर सवार होकर गड़चिरोली पुलिस थाना पर दस्तक दी। इस समय थानेदार को ज्ञापन सौंपकर शराब की बिक्री बंद करने के साथ संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ कानूनन कार्रवाई करने की मांग की गयी। इस समय तीनों गांवों की महिलाएं दर्जनों की संख्या में उपस्थित थी। शराब विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर मोर्चा निकालने की चेतावनी भी इस समय महिलाओं ने दी है।

मलेरिया के मरीजों का "रेफर टू कोरची' का सिलसिला जारी : कोरची (गड़चिरोली) आदिवासी बहुल कोरची तहसील की स्वास्थ्य सेवा इन दिनों पूरी तरह लचर हो गई है। तहसील के बोटेकसा गांव में शुरू किये गये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के तकरीबन 93 गांवों के लोगों का जिम्मा सौंपा गया है। पहले ही इस अस्पताल में आवश्यक मनुष्यबल की कमी है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से गांवों में मलेरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। ऐसी स्थिति में मरीजों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साधारण बुखार से पीड़ित मरीजों को भी कोरची स्थित ग्रामीण अस्पताल में रेफर करने का सिलसिला इस अस्पताल के माध्यम से शुरू है। इस मामले में कांग्रेस की डा. शीलु चिमूरकर ने बोटेकसा अस्पताल में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। कोरची तहसील का बोटेकसा परिसर छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है। क्षेत्र के गांवों तक पहुंचने के लिए सरकार ने अब तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं किया है। इस कारण अपातकालीन समय में गांवों तक एम्बुलेंस भी पहुंच नहीं पाती। मंगलवार को कांग्रेस की डा. चिमूरकर ने बोटेकसा के अस्पताल को भेंट दी।

वर्तमान में मलेरिया का प्रमाण बढ़ने के बाद भी इस महीने में ओपीडी में केवल 10 मरीजों पर उपचार किये जाने का दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ है। वहीं जुलाई और अगस्त महीने में प्रसुति के केवल 9 मामले दर्ज किये गये है। इनमें से 6 प्रसुति इस अस्पताल में तो 3 गर्भवति माताओं को कोरची के ग्रामीण अस्पताल में रेफर किया गया। इस अस्पताल में डाक्टर व कर्मचारियों की कमी होने से यहां दाखिल मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। किसी भी समय मरीजों को यहां से सीधे कोरची के अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। बोटेकसा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अन्य गांव में स्थलांतरित करने की मांग स्थानीय नागरिकों द्वारा की गयी है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन भी सौंपा गया। लेकिन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़कों का निर्माण करने के साथ बोटेकसा के अस्पताल का पुनर्विकास करने की मांग डा. चिमूरकर ने अपने भेंट के दौरान की है।


Created On :   11 Sept 2024 2:59 PM IST

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