अस्पतालों में रिक्त पड़े हैं पद, आदिवासी जा रहे बाबाओं व तांत्रिकों की शरण में

अस्पतालों में रिक्त पड़े हैं पद, आदिवासी जा रहे बाबाओं व तांत्रिकों की शरण में
  • स्वास्थ्य को लेकर जनजागृति भी नहीं
  • विभाग द्वारा नियोजन नहीं होने से भटक रहे लोग
  • बुखार से तड़प रहे बच्चों की बाबाओं के चक्कर में मौत

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने करोड़ों रुपए की निधि खर्च कर आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के गांव-गांव में सरकारी अस्पताल शुरू किये हैं। लेकिन इन अस्पतालों में आज भी डाक्टरों व कर्मचारियों के पद रिक्त होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी नागरिकों को भोंदूबाबा और तांंत्रिकों पर ही विश्वास है।

ग्रामीणों में उचित जनजागृति का कार्य भी विभाग द्वारा नियोजित तरीके से नहीं किया जा रहा है। इसी कारण आदिवासियों को अब खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसी ही एक घटना अहेरी तहसील के पत्तीगांव में बुधवार 4 सितंबर को उजागर हुई। जहां बुखार से तड़प रहे दो मासूम बच्चों पर तांंत्रिक द्वारा इलाज करने से दाेनों की मृत्यु हो गई। लेकिन इस बीच गमगीन हुए माता-पिता ने आखिरी कोिशश करते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

डाक्टरों द्वारा दोनों बच्चों को मृत घोषित करने के बाद उन्हें गांव तक पहुंचाने के लिए कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी। इस कारण माता-पिता ने दोनों मृत बच्चों को अपने कंधे में लेकर करीब 15 किमी का पैदल सफर कर उन्हें गांव पहुंचाया। इस घटना के कारण जहां ग्रामीणों में पनप रहीं अंधश्रद्धा उजागर हुई है, वहीं समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आयी है।

मृत बालकों में बाजीराव रमेश वेलादी (6) और दिनेश रमेश वेलादी (3.5) शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार, पत्तीगांव निवासी रमेश वेलादी के दोनों बच्चों को बुधवार 4 सितंबर को तेज बुखार हुआ। देखते ही देखते बुखार काफी तेज होने के कारण माता-पिता ने बच्चों को अस्पताल में ले जाने के बजाए गांव के ही एक पुजारी के पास उपचार के िलए पहुंचाया। संबंधित पुजारी ने दोनों बच्चों को जड़ी-बूटी देकर उपचार किया। जिसके बाद उन्हें घर लाया गया। लेकिन तबीयत में सुधार आने के बजाए तबीयत खराब होते गयी। सुबह 10.30 बजे के दौरान 6 वर्षीय बाजीराव की मृत्यु हुई। वहीं वहीं 12 बजे के दौरान दिनेश ने भी दम तोड़ दिया। इस बीच आखरी उम्मीद को देखते हुए माता-पिता ने दोनों बच्चों को लेकर जिमलगट्टा के प्राथमिक चिकित्सालय में पहुंचाने का प्रयास किया। जैसे ही माता-पिता अस्पताल में पहुंचे डाक्टरों ने दोनांे बच्चों को मृत घोषित किया।


Created On :   6 Sept 2024 1:42 PM GMT

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