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आक्रोश: प्रशासन की साठगांठ से साखरा क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रही है रेत की तस्करी
- साखरा ग्रापं के पदाधिकारियों ने लगाया आरोप
- बिना अनुमति रेत ले जा रहा ट्रक पकड़ा
- मांगों की तरफ शीघ्र ध्यान न देने पर अनशन की दी चेतावनी
डिजिटल डेस्क, गडचिरोली। तहसील के साखरा गांव से सटी वैनगंगा नदी से पिछले कुछ दिनों से रेत की तस्करी धड़ल्ले से शुरू होने की शिकायत के बाद भी किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां तक कि, ग्रामीणों द्वारा रेत तस्करी में लिप्त टिप्पर को पकड़ने पर भी संबंधित ट्रक मालिक अथवा रेत के ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की जाती। स्थानीय राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के साथ हो रही रेत तस्करी की जांच कर संबंधित दोषियों पर कार्रवाई न करने पर अनशन करने की चेतावनी साखरा ग्रापं के पदाधिकारियों ने सोमवार को आयोजित पत्र परिषद में दी है।
पत्र परिषद में साखरा ग्रापं के सरपंच पुण्यवान सोरते ने बताया कि, गांव से सटी वैनगंगा नदी में जिस किसानों के खेत समा गये हैं, ऐसे खेतों से रेत की ढुलाई करने की अनुमति जिलाधिकारी कार्यालय से दी गयी है। इसी अनुमति के मद्देनजर वर्ष 2021 में रेत के ठेकेदार किशन मोटवानी को ग्रापं प्रशासन द्वारा ना-आपत्ति प्रमाणपत्र दिया गया। इस प्रमाणपत्र के भरोसे मोटवानी ने सभी नियमों काे ताक पर रख रेत की तस्करी शुरू की। वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए ग्रापं ने किसी तरह का प्रमाणपत्र ठेकेदार मोटवानी को नहीं दिया है। बावजूद इसके ग्रामसभा की अनुमति के बिना ही मोटवानी भी रेत की ढुलाई कर रहे है। इस बीच गत 3 फरवरी को ग्रामीणों ने साखरा गांव की मुख्य सड़क पर ही रेत तस्करी कर रहें किसन मोटवानी का ट्रक क्रमांक एम. एच. 33 टी. 3772 को रंगेहाथ पकड़ा। इस समय कार्रवाई के लिए साखरा की पटवारी वैशाली भुरसे को भी बुलाया गया।
पंचनामा की कापी में साखरा गांव के 15 से 16 लोगों ने हस्ताक्षर भी किये। घटनास्थल का पंचनामा करने के बाद पटवारी ने संबंधित ट्रक को तहसील कार्यालय में जमा किया। लेकिन अगले ही दिन रविवार को सरकारी छुट्टी होने के बाद भी राजस्व विभाग ने ट्रक को छोड़ दिया। इस मामले में ठेकेदार मोटवानी के खिलाफ किसी प्रकार के जूर्माना की कार्रवाई नहीं की। प्रशासन की इस नीति के कारण ही पिछले अनेक दिनों से साखरा गांव से रेत की तस्करी चरम पर पहुंच गयी है। इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी जिम्मेदार होकर इस मामले की कड़ी जांच करने की मांग साखरा के सरपंच पुण्यवान सोरते ने की है। आगामी 7 दिनों के भीर मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई न होने पर जिलाधिकारी कार्यालय पर बेमियादी अनशन के साथ साखरा गांव की मुख्य सड़क पर चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी भी इस समय दी गयी। पत्र परिषद में सदाशिव चौधरी, घनशाम मेश्राम, यशवंत चौधरी, जिप की पूर्व सदस्या नीता साखरे, ग्रापं सदस्य दिनेश चौधरी, उमाकांत हुलके, रंजना भैसारे, जयमाला मेश्राम, आनंद गायकवाड, पुंडलिक झरकर, सुधाकर डोईजड, पुंजीराम डोईजड, शकुंतला चौधरी समेत अन्य नागरिक उपस्थित थे।
Created On :   6 Feb 2024 5:04 PM IST