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मुठभेड़: मारे गए नक्सलियों में गड़चिरोली का जोगन्ना भी , सरकार ने रखा था 20 लाख रुपए का इनाम
- गड़चिरोली के विभिन्न पुलिस थानों में 100 से अधिक मामले थे दर्ज
- राकांपा नेता गोडसेलवार के अपहरण में निभाई थी अहम भूमिका
- अबुझमाड़ में हुई थी मुठभेड़
डिजिटल डेस्क, गडचिरोली। दो दिन पूर्व महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर स्थित अबुझमाड़ के जंगल में छत्तीसगढ़ राज्य के सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच हुई जोरदार मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में विभागीय समिति के सदस्य और नक्सली नेता खूंखार नक्सली जाेगन्ना के शामिल होने की जानकारी मिली है। गड़चिरोली जिले के उत्तर और दक्षिण जोन में जोगन्ना कई वर्षों तक सक्रिय था। वर्ष 2010 में राकांपा के नेता श्रीनिवास गोडसेलवार के अपहरण में भी जोगन्ना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुठभेड़ में जोगन्ना की मृत्यु होने के कारण नक्सली आंदोलन को एक बार फिर करारा झटका लगा है। महाराष्ट्र सरकार ने उस पर 20 लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिले का टेकामेटा-अबुझमाड़ परिसर गड़चिरोली जिले से सटा हुआ है। दो दिन पहले इसी जंगल परिसर में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हाेने की गुप्त सूचना छग राज्य के सुरक्षाबलों को मिली थी। जानकारी के मिलते ही जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। दोनों ओर से हुई भीषण गोलीबारी में जवानों ने कुल 10 नक्सलियों को ढेर करने में सफलता हासिल की। मारे गए नक्सलियों में जोगन्ना शामिल होकर उसके खिलाफ गड़चिरोली जिले के विभिन्न पुिलस थानों में 100 से अधिक मामले दर्ज हंै। वह तेलंगाना राज्य के बेलमपल्ली गांव का निवासी होकर उसे जोगन्ना, नरसय्या, विनय और अशोक के नाम से भी पहचाना जाता था।
वह 73 वर्ष का होने के बाद भी युवा नक्सली उसी के इशारे पर कार्य करते थे। किसी भी प्रकार की बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जोगन्ना ही नक्सलियों को मार्गदर्शन करता था। छत्तीसगढ़ राज्य की अनेक बड़ी घटनाओं का वह मास्टरमाइंड था। सनद रहे कि, वर्ष 2010 में राकांपा के गड़चिरोली के नेता श्रीनिवास गोडसेलवार का नक्सलियों ने अपहरण किया था। इस अपहरण में जाेगन्ना की भूमिका अहम थी। नक्सलियों ने गोडसेलवार को लगातार 9 दिन तक बंधक बनाए रखा था। स्व. आर. आर. पाटील उस दौरान गड़चिरोली जिले के पालकमंत्री और राज्य के गृहमंत्री थे। गोडसेलवार को छुड़ाने के लिए गड़चिरोली के सुरक्षाबलों ने काेरनार के जंगल में शुरू नक्सली कैम्प को उध्वस्त कर दिया था। इस घटना में केंद्रीय समिति सदस्य व नक्सलियों के बड़े कैडर के नेता भूपति और जोगन्ना बालबाल बच गये थे। लेकिन दो दिन पूर्व महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर स्थित अबुझमाड़ के जंगल में हुई भीषण गोलीबारी में जोगन्ना को ढेर करने में सुरक्षाबल सफल हुए हंै। जोगन्ना की मृत्यु नक्सली आंदोलन के लिए एक बड़ी हानी मानी जा रही है।
Created On :   3 May 2024 4:57 PM IST