हेराफेरी: तुलजा भवानी मंदिर में दान की राशि के दुरुपयोग मामले में औरंगाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

तुलजा भवानी मंदिर में दान की राशि के दुरुपयोग मामले में औरंगाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
  • मामले में नोटिस जारी
  • खाधड़ी और हेराफेरी के आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के तुलजा भवानी मंदिर से दान की गई राशि और अन्य कीमती सामान के गबन के मामले की जांच और आपराधिक केस दर्ज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा दिए आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने मामले में नोटिस जारी किया है।

दरअसल, हिंदू जनजागृति समिति जो तुलजापुर में देवी तुलजाभवानी के मंदिर के रखरखाव में रुचि रखती है ने 2015 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें 1991 से 2009 के बीच देवी को दिए गए चढ़ावे के संबंध में धोखाधड़ी और हेराफेरी के आरोप लगाए थे। हाईकोर्ट ने बीते 9 मई 2024 को दिए फैसले में इस मुद्दे को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरुरत बताते हुए मामले की पुलिस जांच और आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 2017 की अपराध शाखा की जांच रिपोर्ट को आपराधिक शिकायत के रुप में मानने और अपनी जांच को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।

मुंबई के हीरा व्यापारियों से मनमानी वसूली करने वाले कस्टम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आनंद जोंधले ने मुंबई के डायमंड बोर्स (बीडीबी) में कार्यरत हीरा व्यापारियों से मनमानी वसूली करने वाले कस्टम विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

एड जोंधले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कस्टम अधिकारी हीरा व्यापार के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर मुहर लगाने या लाइसेंस के बदले में हीरा व्यापारी और दलालों से मोटी रकम अदा करने के लिए दबाव बनाते है। जोंधले ने कहा कि मुंबई के भारत डायमंड बोर्स में हीरे की कीमत तय होती है। इसके बाद अंधेरी स्थित कस्टम कार्यालय से हीरे की आयात-निर्यात के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर मुहर लगाने के अलावा लाइसेंस भी लेने पड़ते है, लेकिन इसके बदले में अधिकारी व्यापारियों से मोटी रकम की मांग करते है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो व्यापारी और दलाल पैसे देने इंकार करते है उन्हें धमकाया जाता है और करोड़ों रुपए की वसूली नोटिस जारी करके उन्हें परेशान किया जाता है।

एड जोंधले ने कहा कि भारत डायमंड बोर्स में कस्टम कार्यालय है, लेकिन वहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए है। पुनाभाई चंपरा नामक हीरा दलाल ने उन पर हुए अन्याय के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखे है, लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। लिहाजा चंपारा ने मामले में मुंबई हाईकोर्ट का रुख किया। अगस्त में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी की थी। जोंधले ने बताया कि चंपारा की याचिका पर अब 23 सितंबर को सुनवाई है। एड जोंधले और याचिकाकर्ता चंपारा ने कस्टम के भ्रष्ट अधिकारियों की जांच करके उन्हें निलंबित करने की भी मांग उठाई।

Created On :   9 Sept 2024 2:37 PM GMT

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