मध्यप्रदेश: बेटों ने पूरी की मां की अंतिम इच्छा, दान कर दिया देह, नागपुर में निधन के बाद दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज को दान किया शरीर

बेटों ने पूरी की मां की अंतिम इच्छा, दान कर दिया देह, नागपुर में निधन के बाद दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज को दान किया शरीर
  • बेटों ने पूरी की मां की आखिरी ख्वाहिश
  • दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज को दान की बॉडी
  • नागपुर के किंग्स-वे अस्पताल में हुआ था निधन

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। दुनिया में रहते सरदारनी धर्मवीर कौर को हमेशा दूसरों की फिक्र रहती थी। वे चाहती थी कि दुनिया छोडऩे के बाद उनकी देह दूसरों के काम आए और शरीर के अंग किसी की जान बचा सकें। गुरुवार को 67 वर्ष की आयु में जब उन्होंने अंतिम सांसें ली तो मां की आखिरी इच्छा के आगे बच्चे भी विवश हो गए। नागपुर के दत्ता मेघे अस्पताल को शरीर सौंपते हुए मां की आखिरी इच्छा पूरी की। शरीर दान का ये प्रेरणा दायक कार्य श्याम टॉकीज निवासी बेदी परिवार की धर्मवीर कौर ने किया।

उनके पुत्र जसमीत सिंह बेदी रिंकु ने बताया कि पिछले दस सालों से मां अंग दान की बात कहा करती थी, ताकि उनकी देह मृत्यु के बाद भी किसी के काम आ सके। किसी को नया जीवनदान देने की लालसा मां के मन में सालों से थी। तीन साल पहले ही उन्होंने अपना शरीर दान करने की इच्छा परिवारजनों के समक्ष जाहिर की। कुछ दिनों पहले ही अस्वस्थ होने की वजह से उन्हें नागपुर के किंग्स-वे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां महज 67 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। मॉ की आखिरी इच्छा को सर्वाेपरी मानते हुए हमने और परिवार जनों ने तय किया कि मॉ का शरीर मेडिकल कॉलेज को दान किया जाएगा। जिसके बाद हमने नागपुर के ही दत्ता मेघे निजी मेडिकल कॉलेज को शरीर सौंप दिया।

जिले में देहदान का ये पहला मामला

जिले में देह दान का यह पहला मामला है। सरदारनी धर्मवीर कौर बेदी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नही किया जाएगा। उन्होंनेे अपने जीते जी ही देहदान करने की इच्छा जताकर अपने परिवार को बता दी थी। गुरुवार की रात धर्मवीर कौर बेदी का निधन हो गया। उनके निधन के बाद आवश्यक कार्रवाई कर उनका पार्थिव कॉलेज को सौंप दिया गया है।

अध्ययन के लिए देहदान महत्वपूर्ण

भविष्य में तैयार होने वाले डॉक्टरों के अध्ययन के लिए देहदान काफी महत्वपूर्ण है और यह सबसे बड़ा दान है। दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज और शालिनीताई मेघे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में पहली बार देहदान हुआ है। कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. उज्वल गजबे ने कहा कि देहदान के लिए परिजनों और रिश्तेदारों की अनुमति होना जरुरी है। धर्मवीर कौर बेदी के परिजनों व रिश्तेदारों ने देहदान का निर्णय कर एक महान कार्य किया है। हमारे यहां एनाटॉमी प्रथम वर्ष के विद्यार्थी अब तक वीडियो और पुस्तकों के माध्यम से पढ़ते थे। देहदान के बाद उन्हें शरीर संरचना प्रत्यक्ष रुप से देखने व अध्ययन करने मिलेगा। इससे उनका अध्ययन और प्रभावशाली होगा।

Created On :   30 Sept 2023 9:26 PM IST

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