छिंदवाड़ा: सरकारी कॉलेजों के जनभागीदारी कर्मचारियों को नहीं मिला स्थाई कर्मी का दर्जा

सरकारी कॉलेजों के जनभागीदारी कर्मचारियों को नहीं मिला स्थाई कर्मी का दर्जा
मई 2023 में जारी हुआ था आदेश, जिले के कॉलेज नहीं कर सके पालन

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा।

जिले के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत जनभागीदारी, स्वशासी व स्ववित्तीय कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा देने उच्च शिक्षा विभाग ने मई 2023 में आदेश जारी किए थे। लेकिन जिले के कॉलेज इस आदेश का पालन नहीं कर सके। जिसके चलते सैकड़ों कर्मचारी इस योजना के लाभ से वंचित हैं। गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को मई 2023 में आदेश जारी किया था। जिसमें दैनिक वेतन भोगियों को स्थाईकर्मी का दर्जा देने कहा गया था। प्रदेश के अन्य जिलों के कॉलेजों ने अपने दैवेभो को स्थाईकर्मी का दर्जा भी दे दिया है। लेकिन जिले के कॉलेज इस आदेश का पालन नहीं कर सके। जिसके चलते 200 से ज्यादा कर्मचारी स्थाईकर्मी के दर्जे से वंचित हैं।

इनकों दी गई है पात्रता

16 मई 2007 के बाद से 1 सितंबर 2016 को भी संस्था में कार्यरत कर्मचारियों को पात्रता दी गई है। अकुशल को 4 हजार से 7 हजार तक, अर्धकुशल को 4 हजार 500 से 7 हजार 500 तक, कुशल को 5 हजार रुपए से 8 हजार रुपए तक वेतनमान दिए जाने की स्वीकृति दी गई है।

अन्य जिलों के कॉलेज कर चुके अमल

भोपाल, शहडोल, अशोकनगर सहित अन्य जिलों के सरकारी कॉलेजों ने अक्टूबर माह में ही जनभागीदारी सहित अन्य मदों के जरिए भर्ती किए गए कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दे दिया है। साथ ही वेतनवृद्धि का लाभ भी स्थाई कर्मियों को दिया गया है।

लीड कॉलेज ने नवंबर में बुलाई थी बैठक, वह भी टल गई

जिले के लीड कॉलेज ने सभी कॉलेजों में कार्यरत जनभागीदारी सहित अन्य मदों में कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा देने के संबंध में बैठक बुलाई थी। 21 नवंबर को सुबह 11.30 बजे बैठक होनी थी, लेकिन यह भी टल गई।

इनका कहना है

स्थाईकर्मी का दर्जा देने के संबंध में जल्द बैठक आयोजित होगी। अभी तक शासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन्हें किस मद से वेतनमान व महंगाई भत्ता दिया जाना है। विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है।

डॉ लक्ष्मीचंद, प्राचार्य लीड कॉलेज

Created On :   26 Dec 2023 6:47 PM IST

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