Chhindwara News: कमीशन का खेल, निजी अस्पताल के एजेंट सक्रिय, प्राइवेट एम्बुलेंस चालक कर रहे दलाली

कमीशन का खेल, निजी अस्पताल के एजेंट सक्रिय, प्राइवेट एम्बुलेंस चालक कर रहे दलाली
  • जिला अस्पताल प्रबंधन ने प्राइवेट एम्बुलेंस पर लगाया था प्रतिबंध
  • प्रतिबंध के बाद भी अस्पताल में सक्रिय दलाल

Chhindwara News: मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में कमीशन का बड़ा खेल चल रहा है। कमीशन के लिए जिला अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराया जा रहा है। हर मरीज पर दलालों को बीस प्रतिशत तक कमीशन मिलता है। कमीशन के लालच में कुछ एम्बुलेंस चालक मरीजों के परिजनों को बरगला कर निजी अस्पतालों में जाने तैयार कर लेते है। इन असामाजिक तत्वों पर सख्ती बेहद जरुरी है।

निजी एम्बुलेंस चालक चौबीस घंटे अस्पताल में मंडराते रहते है। खासकर रात के वक्त इमरजेंसी यूनिट में आने वाले मरीज के परिजनों को घेरा जाता है। सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज न मिलने, डॉक्टर न होने और आयुष्मान कार्ड में मुफ्त में इलाज कराने का झांसा देकर मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराया जाता है। निजी अस्पताल में आयुष्मान होने के बाद भी दवाओं समेत तरह-तरह अतिरिक्त खर्च जोडक़र रुपए ऐंठ लिए जाते है। इस गोरखधंधे पर जिला अस्पताल और प्रशासनिक अमला नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।

बिल पर 20 प्रतिशत तक कमीशन-

मरीज के निजी अस्पताल में शिफ्ट होते ही एम्बुलेंस चालक का कमीशन शुरू हो जाता है। मरीजों के इलाज का लम्बा चौड़ा बिल बनाकर निजी अस्पताल प्रबंधन 10 से 20 प्रतिशत तक कमीशन निजी एम्बुलेंस चालकों को देता है।

निजी अस्पताल के कर्मचारी सक्रिय-

निजी अस्पताल के कर्मचारी हर दिन जिला अस्पताल में सक्रिय रहते है। एम्बुलेंस चालकों के अलावा सरकारी अस्पताल के स्टाफ को कमीशन का लालच दिया जाता है। निजी अस्पताल में मरीज भेजने के एवज में सबका कमीशन तय है।

शराबखोरी करते है असामाजिक तत्व-

कोतवाली पुलिस ने रात के वक्त अस्पताल में गश्त करना बंद कर दिया है। असामाजिक तत्व रात में शराबखोरी कर परिसर में उपद्रव करते है। नशे की हालत में उपद्रवियों के बीच आपस मेंं विवाद आम बात है। कई बार मरीज या स्टाफ से भी शराबी विवाद करते है।

क्या कहते हैं अधिकारी-

जिला अस्पताल में हर मरीज को बेहतर इलाज दिया जाता है। कमीशन लेकर निजी एम्बुलेंस चालक मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट करा रहे है तो उन पर सख्ती बरती जाएगी।

- डॉ.नरेश गोन्नाड़ेे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

Created On :   21 Feb 2025 1:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story