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तलाश: ताड़ोबा की क्वीन ‘माया’ हो गई गुम!
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। विश्व प्रसिद्ध ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व 1 अक्टूबर से पर्यटन के लिए खुल गया है। बड़े पैमाने पर पर्यटक ताड़ोबा में आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से ताड़ोबा क्विन "माया’ पर्यटकों को नहीं दिख रही है और ताड़ोबा प्रबंधन चिंता व्यक्त कर रहा है। माया को आखिरी बार 23 अगस्त को देखा गया था। उसके बाद माया नजर नहीं आई इसलिए उसकी तलाश के लिए 125 कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं। बाघिन "माया’ को ताड़ोबा टाइगर रिजर्व की क्विन के रूप में जाना जाता है। 2010 में जन्मी इस बाघिन ने कई शावकों को जन्म दिया है। दिलचस्प बात यह है कि पर्यटकों ने उसे अपने बछड़ों के साथ जंगल में घूमते हुए देखा है। इन्हें देखने के लिए पर्यटक ताड़ोबा भी आते हैं। माया को 45 दिन से ज्यादा समय से किसी ने नहीं देखा है। ताड़ोबा कोर एरिया में 1 अक्टूबर से पर्यटन शुरू हो गया है।
लेकिन फिर भी माया पर्यटकों और ताड़ोबा अधिकारियों को नजर नहीं आई। इसलिए चिंता व्यक्त की जा रही है। ताड़ोबा प्रबंधन ने 125 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। अधिकारी और कर्मचारी भी माया की तलाश कर रहे हैं। ताड़ोबा के परियोजना निदेशक डाॅ. जितेंद्र रामगांवकर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उक्त जानकारी गलत है। 1 अक्टूबर को, ताड़ोबा पर्यटन के लिए खोला गया है। उन्होंने कहा, कोई इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि पर्यटक किसी विशेष बाघ को देखेंगे। दिलचस्प बात यह है कि वनकर्मी स्वाति दुमने की मौत बाघिन के हमले में हुई थी। तब भी माया बाघिन चर्चा में थी।
शावकों को जन्म देने की संभावना : माया बाघिन दो माह पूर्व गर्भवती थी। माया ने शावकों को जन्म देने की संभावना है। बाघिन जब शावकों को जन्म देती है वह अपने पास किसी बाघ को नहीं आने देती जिससे वह छुप जाती है। अब उसने शावकों को जन्म दिया हो ऐसी संभावना है। लेकिन परिपूर्ण जानकारी नहीं। ट्रैप कॅमरे व ड्रोन के माध्यम से तलाश शुरू है। लेकिन फिलहाल घना जंगल होने से दिखाई नहीं दे रही। वनकर्मचारी सर्च ऑपरेशन कर रहे हंै। -कुशाग्र पाठव, उपसंचालक (बफर) ताड़ोबा चंद्रपुर
Created On :   12 Oct 2023 3:42 PM IST