राहत: मनरेगा कार्यों को पूरा करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई

मनरेगा कार्यों को पूरा करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई
  • मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयास रंग लाए
  • कार्यों की राशि तय करने के सरकारी आदेश
  • समन्वय से कार्य पूर्ण करने के लिए कहा

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय एवं ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जिलावार उपलब्ध अतिरिक्त अनुमति के माध्यम से कुशल घटक के तहत कार्य करने का सुझाव सरकारी स्तर से दिया गया है। इसलिए, वन, सांस्कृतिक कार्य, मत्स्य पालन मंत्री और जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सभी वैधानिक और प्रशासनिक मामलों को निपटाने के बाद 31 दिसंबर 2024 तक प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा कार्यों को पूरा करने क्रियान्वयन किया था। आखिरकार उनकी कोशिश सफल हुई और मनरेगा का काम पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक की अवधि बढ़ाई गई है।

मनरेगा वित्तीय वर्ष में जिला स्तर पर कुशल घटकों पर व्यय का अनुपात कुल व्यय का 40 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है। साथ ही, ग्राम पंचायतें मनरेगा के तहत स्थायी, उत्पादक और ढांचागत समर्थन की मांग कर रही हैं। हालांकि, पर्याप्त मात्रा में कुशल कार्य नहीं लेने के कारण, अकुशल व्यय का दो-तिहाई हिस्सा कुशल व्यय पर खर्च नहीं किया जा सका, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता था। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर वित्तीय वर्ष 2021-22 से जिलेवार कुशल घटक की योजना बनाई जा रही है।

तदनुसार निर्देशित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में शासन द्वारा सुझाई गई लागत सघन कार्यों को समस्त वैधानिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए 31 दिसम्बर 2024 से पूर्व पूर्ण किया जाए। महात्मा गांधी राष्ट्रीय एवं ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में सामग्री पर जिलेवार व्यय का अनुपात अधिकतम 40 प्रतिशत तक रखा जाएगा। इस समन्वय से कार्य पूर्ण करें। मिशन जल संरक्षण के अंतर्गत सम्मिलित तहसीलों में निर्धारित (न्यूनतम 65 प्रतिशत व्यय) अनुसार प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्य किये जायें तथा मनरेगा अधिनियम 2005 के अनुसार योजना अंतर्गत कृषि एवं संबंधित कार्य किये जायें तथा उक्त कार्यों की राशि तय करने के सरकारी आदेश में बताया गया है।

Created On :   12 July 2024 7:25 AM GMT

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