आदेश: रेतघाट धारकों को रेत का स्टॉक 10 दिन में उठाने के दिए आदेश

रेतघाट धारकों को रेत का स्टॉक 10 दिन में उठाने के दिए आदेश
  • मियाद समाप्त होने के बाद नहींं उठा सकेंगे रेत
  • जिलाधिकारी ने दिए आदेश

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। 30 सितंबर को रेत घाट से रेत उठाने की मंजूरी समाप्त हो गई है। अब जिन रेत घाट धारक व भागीदारों ने घाट से रेत उठाकर जहां स्टॉक किया (शासन द्वारा एनए जमीन पर)है, वहां से 10 दिन में उठाने के निर्देश अपर जिलाधिकारी ने दिए हंै। यह आदेश सभी एसडीओ और तहसीलदार समेत रेत घाट धारकों को दिए हैं। 10 अक्टूबर को मियाद समाप्त होने केबाद रेत घाट धारक व भागीदार फिर वह रेत उठा नहीं पाएंगे।

कई घाटधारकों की हजारों ब्रास रेत की रॉयल्टी बची है

कई घाट धारकों द्वारा अब भी हजारों ब्रास राॅयल्टी बचाकर रखी है। जबकि अब तक मंजूर ब्रास से सैकड़ों गुना अधिक बिना रॉयल्टी के ही रेत उत्खनन व परिवहन कर चुके हैं। इससे सरकार का करोड़ों रुपए का राजस्व डूबा है। साथ ही पर्यावरण की हानी हुई है। घाट धारकों द्वारा जानबुझकर रॉयल्टी बचाकर रखी गई है। सूत्रों ने बताया कि, घाट धारक फिर खनन विभाग में अर्जी लगाकर कहेंगे कि हमारी रॉयल्टी बची है, हमें और कुछ दिन का समय दें। इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आर्थिक व्यवहार होता है और मंजूरी दी जाती है। अब आगे ऐसा होगा या नहीं? यह आनेवाला समय बताएगा, ऐसा भी सूत्रों ने बताया।

जीपीएस व सीसीटीवी केवल कागजों पर

आज भी रेत घाट धारक व उनके भागीदारों द्वारा एक ही रॉयल्टी पर रेत की 4 बार अलग-अलग जगह ढुलाई कर रहे हंै। उदाहरण के तौर पर रॉयल्टी अमरावती जिले की बनाते हैं और रेत की ढुलाई चंद्रपुर जिले में ही हो रही है। एक ही टीपी पर 24 घंटे में 4-5 ट्रीप रेत ढुलाई की होती है। रेत घाट धारकों ने अलग-अलग जगह स्टॉक जमा करके रखा है जिससे सरकार का राजस्व डूब रहा है। नियमों अनुसार वाहनों में जीपीएस व सीसीटीवी केवल कागजों पर ही है। अगर वाहनों की ट्रैकिंग जांच की तो गोरखधंधे का पर्दाफाश हो सकता है। लेकिन संबंधित विभागों की आर्थिक साठगांठ होने से कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

Created On :   6 Oct 2023 3:15 PM IST

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