भरी बरसात में डेढ़ कि.मी. नीचे उतरकर लाना पड़ रहा पानी

  • कोलाम आदिवासी नाले का दूषित पानी पीने पर विवश
  • प्रशासन की अनदेखी से गांव में समस्याओं का अंबार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर जिले के माणिकगढ़ पहाड़ियों के आदिवासी बहुल जिवती तहसील में आदिम कोलम समुदायों के गांव निवासी प्रशासन की उपेक्षा के कारण आज डेढ किमी पहाड़ी के नीचे से दूषित, इल्ली, कृमियुक्त कुएं का पानी पीने विवश हैं। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही है। इसलिए प्रशासन से जल्द ध्यान देकर पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

एक ओर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं यहां के निवासियों को शुद्ध पानी कब नसीब होगा ऐसा सवाल उठाया जा रहा है। पेसा क्षेत्र के गट ग्रापं खड़की रायपुर अंतर्गत रायपुर गांव का समावेश है किंतु ग्रापं इमारत 3 किमी दूर नगराला गांव में है जहां की कुल जनसंख्या 115 है। ग्रापं ने पहाड़ी की तराई के नाले पर स्थित कुएं में दो वर्ष पूर्व सोलर लगाया है। इसके बाद इस ओर ध्यान नहीं है। सोलर पंप से गांव में पानी आता है किंतु जिस कुएं से पानी आता है उसमें इल्लियां पड़ी है। पिछले 2 वर्ष से कुएं में ब्लीचिंग पाउडर नहीं डाला गया है। कुएं का किनारा टूटा होने से नाले का पानी कुएं में जा रहा है। आम का पेड़ कुएं में पड़ा है।

बारिश में सोलर पंप नहीं चलता इसलिए गांव वासियों को नीचे जाकर पानी लाना पड़ रहा है। रायपुर (खडकी) आदिम कोलाम समुदाय बहुल गांव है। गांव में एक भी उच्चशिक्षित नहीं है। गांव की शाला बंद है, आंगनवाड़ी है किंतु उसकी स्वतंत्र इमारत नहीं है, लाइट है किंतु बिजली बंद रहती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से गत वर्ष वनविभाग ने सोलर दिया है जिससे मात्र रात में उजियारा रहता है। मोबाइल चार्जिंग तक के लिए नगराला अथवा तहसील मुख्यालय जाना पड़ता है। गांव में बारिश का पानी भरा है किंतु पेयजल नहीं है इसलिए ग्रामीणों को दूषित पानी का उपयोग करना पड़ रहा है। प्रशासन जल्द से जल्द उचित व्यवस्था करें अन्यथा प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी नामदेव कोडापे, देवू शिडाम, बाजीराव कोडापे, आय्यू कुमरे, भीमा कुमरे, मानकूबाई कुमरे, रामाबाई कोडापे, संघर्ष पडवेकर, मारोती कोडापे, तुकाराम कुमरे और ग्रामीणों ने दी है।

Created On :   4 Aug 2023 1:04 PM IST

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