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रॉयल्टी मात्र 356 ब्रास की, स्टॉक 15000 ब्रास का
- नलेश्वर मौकासा घाट में रेत की हेराफेरी
- तहसीलदार ही भागीदार तो कैसे होगी कार्रवाई?
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर जिले में बदस्तूर जारी रेत उत्खनन व तस्करी में और एक मामला सामने आया है। मूल तहसील में एक घाट धारक को मंजूर रॉयल्टी 1988 ब्रास में से केवल 356 ब्रास की ही रॉयल्टी बची है किंतु उसने मंजूर रॉयल्टी से सौ गुना अधिक तो रेत का उत्खनन करके बेच चुका है। हजारों ब्रास रेत का स्टॉक करके रखा है। सूत्रों के अनुसार चंद्रपुर जिला अंतर्गत मूल तहसील में नलेश्वर मोकासा घाट व चक नलेश्वर घाट को रूपेश निकोडे ने खरीदा है। जिसमें मूल के तहसीलदार ही भागीदार होने की बात घाटधारक व भागीदारों द्वारा कही जा रही है। क्योंकि रूपेश निकोडे के नाम से घाट लिया गया है। केवल नाम उसका है, किंतु काम स्वयं अधिकारी का होने की चर्चा है। उधर खनिकर्म विभाग के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वर्ष 2022 नवंबर से लेकर इस वर्ष अगस्त माह तक 1988 ब्रास में से अब भी 356 ब्रास की रॉयल्टी नलेश्वर घाट पर बची है। पिछले माह 28 जुलाई को खनिकर्म विभाग की टीम ने नलेश्वर घाट का दौरा भी किया था। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। इस घाट में अधिकारी की भागीदारी होने के कारण अब तक कार्रवाई नहीं किए जाने की बात कही जा रही है।
दो-चार दिन में खत्म करो स्टॉक
सूत्रों ने बताया कि, नलेश्वर घाट से रोजाना लगभग 50 से ज्यादा गाड़ियों में रेत भरकर अमरावती व दूसरे राज्य में भेजी जा रही है। दरम्यान दैनिक भास्कर ने यह मुद्दा उठाने के बाद खलबली मच गई है। कहा जा रहा है कि, तहसीलदार ने ही आदेश दिए हैं कि दो-चार दिनों में रेत का स्टॉक खत्म कराे। बिना रॉयल्टी की 14 ब्रास रेत 14 चक्के की गाड़ियों में जाती है। जिसकी कीमत 28 हजार रुपए प्रति गाड़ी होती है। वहीं रॉयल्टी के साथ 4 हजार रुपए प्रतिब्रास कीमत होती है। रोज की लगभग 50 गाड़ियों से अधिक में रेत लोड कर अन्य जिले व राज्यों में जा रही है।
नाम किसी का, काम किसी और का
बताया जा रहा है कि, जिसके नाम से घाट है, वह मात्र बाबू का काम करता है। जबकि काम यह तहसीलदार का है। जिससे नाम किसी का और काम किसी का ऐसी चर्चा घाट धारक व भागीदारों में शुरू है। बता दंे कि, पिछले वर्ष भी तहसीलदार विवादों में रहे हंै। तब भी तहसीलदार ही भागीदार होने की खबरें प्रकाशित हुई थीं। प्रेस कॉन्फरन्स में कई गंभीर आरोप मूल के तहसीलदार पर लगे थे।
नीलामी में प्राप्त राजस्व 28 करोड़, जबकि 100 करोड़ से अधिक रुपए की रेत उत्खनन व तस्करी : जानकारी के अनुसार चंद्रपुर जिले में रेत घाटों की नीलामी से महाराष्ट्र सरकार को 28 करोड़ 87 लाख रुपए का राजस्व मिला है। लेकिन घाट धारक व भागीदारों ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर 100 करोड़ से अधिक रुपए की रेत उत्खनन कर बेच चुके हैं। 4-4 मशीनों को घाटों में उतारकर नदियों का सिना छलनी कर चुके हंै। अगर सीसीटीवी व जीपीएस द्वारा जांच की जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
तहसीलदार नहीं दे रहे प्रतिसाद
इस संबंध में तहसील प्रशासन का पक्ष जानने के लिए मूल के तहसीलदार रवींद्र होली से निरंतर संपर्क करने की कोशिश की गई, परंतु उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया। वहीं उन्हें मोबाइल पर मेसेज भेजकर उनका पक्ष मांगा गया किंतु कोई प्रतिसाद नहीं देने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल पाया।
Created On :   24 Aug 2023 5:34 PM IST