चंद्रपुर जिले के जलाशयों में 96.60 प्रतिशत जलभंडारण

चंद्रपुर जिले के जलाशयों में 96.60 प्रतिशत जलभंडारण
धान उत्पादक किसानों को अब नहीं होगी पानी की कमी

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । जुलाई महीने में हुई अच्छी बारिश के चलते जिले में स्थित मध्यम और बड़े जलाशयों में 2 अगस्त तक 96.60 प्रतिशत जलभंडार है, जिससे आने वाले समय पर विशेष रूप से जिले के धान उत्पादक तहसील के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने की संभावना है। जिले में दो बड़े और 8 मध्यम स्तर के जलाशय है। इसमें से इरई और आसोलामेंढा बड़े और मध्यम में अमलनाला, पकडीगुड्डम, घोड़ाझरी, नलेश्वर, चंदई, चारगांव, लभानसराड और डोंगरगांव का समावेश है। आसोलामेंढा तालाब तो अनेक दिनों से ओवरफ्लो होकर बह रहा है। इसके चलते पर्यटक इसका लुत्फ उठा रहे हैं। वहीं शहर समीपस्थ चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन और शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाले इरई बांध 79.32 प्रतिशत भरा है। वैसे जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुई जोरदार बारिश की वजह से बांध के क्षमता 207.500 मीटर से अधिक जलभंडार हो जाने की वजह से 28 से 30 जुलाई तक बांध के 3 दरवाजे खोले गए थे, जिससे बुधवार को इरई बांध में 206.650 मीटर जलभंडार है और बारिश के दो महीने का समय बाकी है। इसके अलावा अमलनाला 92.15 और पकडीगुड्डम 94.58 प्रतिशत जलभंडार है। जिले के असोलामेंढा, घोड़ाझरी, नलेश्वर, चंदई, चारगांव, लभानसराड और डोंगरगांव जलाशय शत प्रतिशत भरे हैं।

चंद्रपुर जिले की मूल, सावली, नागभीड़, सिंदेवाही, पोंभुर्णा, ब्रह्मपुरी, चिमूर आदि तहसील की मुख्य फसल धान है। जून महीने में मात्र 25 से 28 तारीख तक बारिश होने की वजह से धान उत्पादक तहसील के किसानों में चिंता बढ़ गई थी। कृषि विभाग की अपील पर किसानों ने बारिश का इंतजार किया और जुलाई में कसर पूरी होने के बाद इन तहसील के किसानों ने धान की रोपाई की है। हाल की अतिवृष्टि और बांधों का पानी छोड़े जाने से कुल 3059.30 हेक्टेयर के धान की फसल का नुकसान होने का प्राथमिक अनुमान है, जिसमें नागभीड़ तहसील के सर्वाधिक 1134.55 हेक्टेयर, सावली के 670, ब्रह्मपुरी 355 और पोंभुर्णा तहसील के 241 हेक्टेयर की धान की फसल का नुकसान हुआ है। बारिश का मौसम बीतने के बाद कटाई के पूर्व धान उत्पादक तहसील के किसानों को अंतिम सिंचाई के लिए और रबी के सीजन के लिए इन किसानों को जलाशयों के पानी की आवश्यकता पड़ती है और सिंचाई विभाग की ओर से किसानों को जलापूर्ति की जाती है। अब तक जिले के अधिकांश जलाशयों में पर्याप्त जलभंडार होने से किसान और सिंचाई विभाग सभी संतुष्ट हैं।

Created On :   4 Aug 2023 1:31 PM IST

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