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चंद्रपुर: मुख्य घोटालेबाज को छोड़कर की जा रही संचालकों की जांच
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।| चिमूर (चंद्रपुर)। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी पतसंस्था में 11 महीने पूर्व हुए वित्तीय घोटाले की लिखित शिकायत उपलेखापरीक्षक सुधाकर लांडगे ने चिमूर थाने में दी। पुलिस ने जांच कर 16 लोगों पर विविध धारा के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद मामला आर्थिक अपराध शाखा चंद्रपुर को सौंपा। अपराध शाखा ने 16 में से सिर्फ 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया किंतु मुख्य सूत्रधारों पर कार्रवाई न कर उलटा संस्था संचालकों की जांच शुरू की है। उनके विविध बैंक के खाते बंद कर संपत्ति की जानकारी लेने की जानकारी संस्था संचालकों ने पतसंस्था कार्यालय में मंगलवार को आयोजित पत्र परिषद में दी है।
संस्था के पूर्व उपाध्यक्ष अरुण मेहरकुरे, अमोल मेहरकुरे, अतुल मेहरकुरे, पूर्व प्रबंधक मारोती पेंदोर व अन्यों ने पतसंस्था में 7 करोड़ 65 लाख 33 हजार 450 रुपए के घोटाले की शिकायत सहकारी संस्था के उपलेखा परीक्षक राजेश लांडगे ने 9 वर्ष की जांच के बाद आॅडिट रिपोर्ट पतसंस्था को प्रस्तुत की। पुलिस ने जांच कर 16 आरोपियों पर अपराध दर्ज किया। 16 लोगों के खिलाफ कार्रवाई न कर द्वेष की भावना से संचालकों पर कार्रवाई की जा रही है। संचालकों की संपत्ति, रजिस्ट्री कार्यालय और बैंक खातों को बंद कर संपत्ति जब्त कर नीलामी का षडयंत्र तो अपराध शाखा नहीं रच रहा? इस वजह से पतसंस्था संचालकों को परेशानी सहनी पपड़ रही है। पूर्व संचालक रमेश खेरे ने आर्थिक हेराफेरी के पूर्व इस्तीफा दिया। उनका पतसंस्था से कोई संबंध न होते हुए उनका खाता बंद किया गया है इसलिए उसे पूर्ववत शुुरू करने की मांग की है। आर्थिक अपराध शाखा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई न कर मुख्य आरोपियों की जांच कर गिरफ्तार करें अन्यथा तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है। पत्र परिषद में संस्थाध्यक्ष पुंडलिक मांढरे, संचालक अर्जुन कारमेंगे, विनोद शिरपुरवार, उमेश कुंभारे, बबन बन्सोड, मोहन हजारे, प्रवीण वैद्य, रमेश खेरे आदि उपस्थित थे।
Created On :   29 Sept 2023 4:36 PM IST