Chandrapur News: ताड़ोबा के रिसोर्ट की डीजे पार्टियों से वन्यजीवों के एकांत में खलल

ताड़ोबा के रिसोर्ट की डीजे पार्टियों से वन्यजीवों के एकांत में खलल
  • गांव के नागरिक भी त्रस्त
  • वनविभाग और पुलिस प्रशासन बेखबर
  • देर रात कर होती है धमाचौकड़ी

Chandrapur News बाघों का घर कहे जानेवाले ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के वन्यजीवों का चैन लोग दिन के साथ रात में भी छिनते नजर आ रहे हैं। सुबह और दोपहर में बड़े पैमाने पर होनेवाले पर्यटन से वन्यजीव एक तरह से परेशान होते ही है तो दूसरी ओर बफर क्षेत्र से सटे रिसोर्ट, होटल में होनेवाली डीजे पार्टियों से कई किलोमीटर तक गूंजनेवाली आवाज से वन्यजीव परेशान हो रहे हैं। ताड़ोबा के पद्मापुर गेट, जहां वनविभाग का चेक प्वाइंट है, से सटे रिसोर्ट-होटल में देर रात डीजे बजने के चलते गांव के नागरिक के साथ वन्यजीव त्रस्त हो चुके हैं। लेकिन वनविभाग व पुलिस प्रशासन इससे पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि, ताड़ोबा के बफर जंगल से सटे मूल मार्ग के लोहारा और पद्मापुर मार्ग पर कई होटल, रिसोर्ट, ढाबे बने हुए हंै। जहां देर रात तक पार्टियां चलती हैं। गांव, जंगल की ओर शराब, खाना, नाच-गाना शहरी लाइफ स्टाइल आने के चलते वन्यजीवों के साथ-साथ गांव के नागरिक भी अत्यंत परेशान हो गए हैं। जागरूक नागरिक व ग्रामीणों ने वनविभाग से कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दैनिक भास्कर के प्रस्तुत प्रतिनिधि ने विविध लोगों से इस विषय पर बात की।

परेशानी तो है साहब क्या कर सकते हैं : ॅपद्मापुर चेक प्वाइंट के कर्मी से बात करने पर उन्होंने बताया कि, देर रात तक डीजे बजने के कारण हम ही परेशान होते हैं तो वन्यजीवों का क्या होगा। हम सिर्फ कर्मचारी है, कार्रवाई करने का अधिकार वरिष्ठ स्तर पर होता है।

हमने नहीं लगाया डीजे : रात 1 बजे के दौरान जिस रिसोर्ट में डीजे बज रहा था, वहां के एक कर्मचारी से बात करने पर उसने कहा कि, हम डीजे नहीं लगाते, जिनकी पार्टियां होती हैं वें डीजे लगाते हंै और वही नाचते हंै। इसमें हम क्या कर सकते हैं।

कई शिकायतें करने के बावजूद नहीं खुली वनविभाग की नींद : पद्मापुर गांव के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, वनविभाग सोया हुआ है। रिसोर्ट, होटल में देर रात तक होनेवाले नाचगाने से गांव के नागरिक परेशान हो चुके हैं। कई बार शिकायतंे कर चुके हंै। लेकिन वनविभाग के अधिकारियों की नींद खुली ही नहीं। उन्हें पता है िक परिसर में बाघ, तेंदुए जैसे वन्यजीवों का विचरण है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं।

हमें कार्रवाई का अधिकार नहीं : पद्मापुर गेट के पास देर रात तक डीजे बज रहा होगा तो गंभीर बात है। लेकिन हमें लीगल कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह क्षेत्र बफर या इको सेंसिटिव जोन में नहीं आता। स्थानीय प्रशासन उन पर कार्रवाई कर सकता है। िफर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी होटल, रिसोर्ट धारकों को पत्र देकर ऐसा न करने की हिदायत देंगे। -पीयूषा जगताप, उपसंचालक, बफर जोन, ताडोबा चंद्रपुर

निश्चित रूप से कार्रवाई होगी : नियमानुसार रात 10 बजे के बाद डीजे बजा नहीं सकते। ऐसा हो रहा है तो निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे। रोज सभी क्षेत्र में पेट्रोलिंग नहीं कर सकते। रात में ध्वनि प्रदूषण की शिकायत कोई भी नागरिक टोल फ्री क्रमांक 112 पर सकता है। पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी। फिर भी थाना अधिकारी को सभी होटल, रिसोर्ट धारकों को नियमों का उल्लंघन न करने की सूचना देने के आदेश देता हूं। सुधाकर यादव, एसडीपीओ, चंद्रपुर


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  • 21 Jan 2025 4:31 PM IST

    रिसोर्ट, होटल में होती है डीजे पार्टियां

     बाघों का घर कहे जानेवाले ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के वन्यजीवों का चैन लोग दिन के साथ रात में भी छिनते नजर आ रहे हैं। सुबह और दोपहर में बड़े पैमाने पर होनेवाले पर्यटन से वन्यजीव एक तरह से परेशान होते ही है तो दूसरी ओर बफर क्षेत्र से सटे रिसोर्ट, होटल में होनेवाली डीजे पार्टियों से कई किलोमीटर तक गूंजनेवाली आवाज से वन्यजीव परेशान हो रहे हैं। ताड़ोबा के पद्मापुर गेट, जहां वनविभाग का चेक प्वाइंट है, से सटे रिसोर्ट-होटल में देर रात डीजे बजने के चलते गांव के नागरिक के साथ वन्यजीव त्रस्त हो चुके हैं। लेकिन वनविभाग व पुलिस प्रशासन इससे पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहा है।

Created On :   21 Jan 2025 4:27 PM IST

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