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Chandrapur News: खतरा बरकरार, वर्ष 2024 में केवल 73 दिन ही शुद्ध रही चंद्रपुर की आबोहवा
- 366 में से 293 दिन हवा में घुला रहा प्रदूषण का जहर
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों ने चौंकाया
- घुग्गस औद्योगिक क्षेत्र में अधिक प्रदूषण
Chandrapur News प्रदूषण के प्रसिध्द चंद्रपुर के लोग कई वर्षो से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। यहां के विविध उद्योग तथा अन्य कारणों के कारण दिनोंदिन प्रदूषण में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिससे यहां के लोगों को विविध बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों से चंद्रपुर वासियों को चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। जिसमें बताया गया कि चंद्रपुरवासियों के लिए केवल 73 दिन ही प्रदूषणमुक्त रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रतिदिन 24 घंटे की गई पिछले वर्ष 2024 के प्रदूषण आंकड़ों पर नजर डालें तो चंद्रपुर में 366 दिनों में केवल 73 दिन प्रदूषण से मुक्त थे। 140 दिन संतोषजनक प्रदूषण थे, 137 दिन मध्यम थे, 16 दिनों का प्रदूषण (खराब) स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हानिकारक थे। हालांकि 2023 की तुलना में 2024 में प्रदूषण थोड़ा कम हुआ है, लेकिन सूक्ष्म कणों की मात्रा और जमीनी स्तर पर ओजोन में वृद्धि स्वास्थ्य के लिए खतरा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के निरिक्षण के आधार पर ये वार्षिक आंकड़े पर्यावरणवादी और ग्रीन प्लैनेट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रा. सुरेश चोपाने ने दिए हैं।
2023 की तुलना में 2024 में प्रदूषण में आयी कमी : वर्ष 2023 में चंद्रपुर के 365 दिनों में से 333 दिन प्रदूषित रहे और केवल 32 दिन स्वस्थ श्रेणी (अच्छा एक्यूआई) में रहे। 141 दिन संतोषजनक प्रदूषण, 151 दिन मध्यम प्रदूषण, 36 दिन अत्यधिक प्रदूषित (खराब) की श्रेणी में थे। जबकि 5 दिन हानिकारक की श्रेणी में थे। पिछले वर्ष 2024 में कुल 366 दिनों में से 293 दिन प्रदूषित थे। 140 दिन संतोषजनक प्रदूषण, 137 दिन सामान्य प्रदूषण और 16 दिन खतरनाक प्रदूषण वाले थे। संतोष की बात है कि शहर में प्रदूषण के खतरनाक और हानिकारक स्तर दर्ज नहीं किए गए हैं। हालांकि, प्रदूषण में कमी उपचारात्मक उपायों के बजाय बेमौसम बारिश, मौसम में परिवर्तन के कारण है। चंद्रपुर जिले के साथ-साथ शहर और औद्योगिक क्षेत्र खुटाला में वायु प्रदूषण की निगरानी सतत वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र (सीएएक्यूएमएस) द्वारा की जाती है। यहां शहर से भी ज्यादा प्रदूषण है। प्रस्तुत आंकड़े शहर के बस स्टैंड के पास केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केंद्र के हैं। हालांकि यह सरकारी तंत्र द्वारा लिया गया रिकॉर्ड है, लेकिन घुग्गस औद्योगिक क्षेत्र में अधिक प्रदूषण देखा जाता है।
मानसून के दौरान भी शहर रहा प्रदूषित : चंद्रपुर के पिछले कुछ वर्षों के दौरान मानसून को आम तौर पर स्वस्थ माना जाता था लेकिन पिछले साल 2024 में मानसून के दौरान भी प्रदूषण पाया गया था। जून में 30 में से 13 दिन, जुलाई में 31 में से 5 दिन, अगस्त में 31 में से 27 दिन और सितंबर में 31 में से 21 दिन प्रदूषण पाया गया। मानसून के 4 महीनों के कुल 122 दिनों में से 76 दिन प्रदूषित होते हैं, विशेषकर 54 दिन ओजोन प्रदूषण एक चेतावनी संकेत है।
शीतकाल में अत्याधिक प्रदूषण : दरअसल शीतकाल एक बहुत ही सेहतमंद मौसम है लेकिन हाल ही में सभी शहरों के प्रदूषण के कारण यह मौसम भी प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता जा रहा है। भौगोलिक रूप से धीमी हवा और कम तापमान अधिक प्रदूषण का कारण बनते हैं। इस मौसम में अक्टूबर में 31 में से 23 दिन, नवंबर में 30 में से 30 दिन, दिसंबर में 31 में से 29 दिन और जनवरी में 31 में से 31 दिन प्रदूषित रहे। शीतकाल के कुल 123 दिनों में से 113 दिन प्रदूषित थे।
ग्रीष्म भी नहीं छूटा प्रदूषण से : फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई के गर्मियों के महीनों में भी अधिक प्रदूषण पाया गया। इस सीजन में फरवरी में 29 में से 29 दिन, मार्च में 31 में से 31 दिन, अप्रैल में 30 में से 30 दिन और मई में 31 में से 24 दिन प्रदूषण रहता है। यानी गर्मी के कुल 121 दिनों में से 114 दिन प्रदूषित पाए गए।
सर्वेक्षण में दिखी स्वास्थ्य को लेकर समस्याओं की भयावहता : चंद्रपुर शहर में पिछले 4 महीनों से थर्मल पावर स्टेशन से अधिक प्रदूषण हो रहा है, यातायात और वाहन प्रदूषण भी अधिक है। आज की आधुनिक जीवनशैली के कारण घर के अंदर और बाहर दोनों जगह वायु प्रदूषण काफी हद तक बढ़ गया है। जिस प्रकार औद्योगिक प्रदूषण होता है, उसी प्रकार नागरिकों का भी प्रत्यक्ष प्रदूषण होता है, जैसे वाहनों से निकलने वाला धुआं और धूल, यातायात, कचरा जलाना, लकड़ी, कोयला जलाना आदि। औद्योगिक क्षेत्र में कोयला जलाने वाली राख, प्रदूषित हवा, यातायात आदि। जल, भूमि, ध्वनि और वायु प्रदूषण के कारण पिछले 10 वर्षों से चंद्रपुरवासियों को परेशानी हो रही है। वर्ष 2005/06 में चंद्रपुर का स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया गया था, इसमें स्वास्थ्य समस्या की भयावहता दिखी थी, उसके बाद कई बार मांग करने के बावजूद सरकार द्वारा स्वास्थ्य सर्वेक्षण नहीं कराया गया। -प्रा सुरेश चोपणे, पर्यावरण अभ्यासक, अध्यक्ष- ग्रीन प्लानेट सोसायटी
Created On :   4 Jan 2025 4:29 PM IST